Edited By Ekta, Updated: 25 Jun, 2019 05:26 PM
हिमाचल में चल रहे फोरलेन प्रौजेक्ट बंद नहीं होंगे। ऐसे में उन अफवाहों पर भी विराम लग गया कि जिनके तहत कहा जा रहा था कि पहाड़ी प्रदेश में पर्यावरण की दृष्टि से फोरलेन प्रौजेक्ट बंद किए जा सकते हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा आर.टी.आई....
शिमला (राक्टा): हिमाचल में चल रहे फोरलेन प्रौजेक्ट बंद नहीं होंगे। ऐसे में उन अफवाहों पर भी विराम लग गया कि जिनके तहत कहा जा रहा था कि पहाड़ी प्रदेश में पर्यावरण की दृष्टि से फोरलेन प्रौजेक्ट बंद किए जा सकते हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा आर.टी.आई. के माध्यम से दी गई जानकारी में स्पष्ट किया गया है कि फोरलेन प्रौजेक्ट को बंद करने के लिए राज्य सरकार व प्राधिकरण के बीच किसी भी तरह का पत्राचार नहीं हुआ है और न ही इस संबंध में किसी भी तरह की लिखित प्रक्रिया अमल में लाई गई है। आर.टी.आई. कार्यकर्त्ता देवाशीष भट्टाचार्य को प्राधिकरण के माध्यम से सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी दी गई है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में इस समय विभिन्न फोरलेन प्रोजैक्टों के कार्य चल हुए हैं। इसके तहत भूमि अधिग्रहण के बाद मुआवजा देने की प्रक्रिया भी जारी है। प्रदेश में कीरतपुर-मनाली, परवाणु-शिमला और बद्दी नालागढ़ फोरलेन परियोजनाओं के अधिग्रहण के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से लगभग 4,260 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। इसमें अब तक 4,004 करोड़ रुपए भूमि मालिकों को वितरित किए जा चुके हैं।
कीरतपुर-मनाली फोरलेन परियोजना का अधिकांश कार्य पूर्ण हो चुका है। इसी प्रकार परवाणु-सोलन और परवाणु-शिमला खंड में कार्य को मिशन मोड पर करने के निर्देश जारी किए गए हैं। राज्य में मुआवजा वितरण से कई भू-मालिक नाराज हैं। ऐसे में संबंधित भूमि मालिकों जिन्होंने नोटिस जारी होने के बावजूद भी मुआवजा नहीं लिया है, उनके लिए उपयुक्त स्थानों पर जिला पंचायती राज संस्थानों, जिला प्रशासन, हित धारकों और स्थानीय प्रतिनिधियों के सहयोग से शिविर आयोजित कर मुआवजे की अदायगी कार्य को पूरा किए जाने के प्रयास हो रहे हैं।