बुरांस के फूलों से महके हिमाचल के जंगल, औषधि के रूप में होता प्रयोग

Edited By Vijay, Updated: 11 Apr, 2020 04:07 PM

flowers of burans in forest of himachal

हिमाचल के पहाड़ों पर इन दिनों जंगल बुरांस के फूलों से मनमोहक एवं आकर्षक बने हुए हैं। ऊंचाई के हिसाब से फरवरी, मार्च और अप्रैल महीने में खिलने वाले बुरांस के फूलों का इन क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण लोग विभिन्न बीमारियों में औषधि के रूप में भी...

कुल्लू (दिलीप): हिमाचल के पहाड़ों पर इन दिनों जंगल बुरांस के फूलों से मनमोहक एवं आकर्षक बने हुए हैं। ऊंचाई के हिसाब से फरवरी, मार्च और अप्रैल महीने में खिलने वाले बुरांस के फूलों का इन क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण लोग विभिन्न बीमारियों में औषधि के रूप में भी प्रयोग करते हैं। इसके अलावा बुरांस के फूल की तासीर ठंडी होने के कारण जूस भी बनाया जाता है। करीब 14 मीटर तक की लंबाई वाले ये वृक्ष ढलानदार भूमि में पाए जाते हैं। बुरांस के फूल देखने में जितने सुंदर होते हैं उतने ही स्वास्थ्यवर्द्धक भी हैं।

हिमाचल में बुरांस के 3 प्रकार के फूल पाए जाते हैं, जिनमें गुलाबी, लाल और सफेद फूल लगते हैं, इनमें लाल फूलों का औषधीय महत्व अधिक माना जाता है। लोग इसे लिवर, किडनी रोग के अलावा खूनी दस्त व बुखार आदि के दौरान प्रयोग करते हैं। बुरांस के फूलों में मिथेनॉल होता है जोकि डायबिटीज के लिए भी उत्तम माना जाता है। इसके अलावा बुरांस के फूलों से जूस व चटनी भी बनाई जाती है।

कारदार सुंदर, रूम सिंह व अशोक ने बताया कि आजकल पहाड़ों पर बुरांस के फूल खिले हैं इससे जंगल सुहाने लगते हैं। लोग घरों में इसकी दवाइयां भी बनाते हैं जिन्हें दस्त-उल्टी आदि में प्रयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि बुरांस के फूल भगवान को भी चढ़ाए जाते हैं।

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