Edited By Vijay, Updated: 29 Jun, 2018 07:36 PM
शीत मरुस्थल स्पीति में इस बार पर्यटकों की बाढ़ आ गई है। रोजाना हजारों पर्यटक पर्यटन स्थलों में दस्तक दे रहे हैं। चंद्रताल झील से लेकर लोसर, किब्बर, काजा, ताबो व मुद तक हर तरफ पर्यटकों की भरमार है।
उदयपुर: शीत मरुस्थल स्पीति में इस बार पर्यटकों की बाढ़ आ गई है। रोजाना हजारों पर्यटक पर्यटन स्थलों में दस्तक दे रहे हैं। चंद्रताल झील से लेकर लोसर, किब्बर, काजा, ताबो व मुद तक हर तरफ पर्यटकों की भरमार है। आलम यह है कि होटलों व होम स्टे में उन्हें ठहरने की जगह तक नहीं मिल पा रही है। होम स्टे के एक कमरे में 10 पर्यटक भी ठहराए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ पर्यटकों को पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है।
बता दें कि पानी की कमी राजधानी शिमला में पर्यटन को प्रभावित कर चुकी है।
जमीन पर सुलाने पड़ रहे कई पर्यटक
होम स्टे संचालकों ने बताया कि कई पर्यटकों को जमीन पर सुलाने की नौबत आ गई है। होटलों के अंदर भी यही स्थिति बनी हुई है। जो पर्यटक पूरी तैयारी के साथ आए हैं। होटलों में कमरे न मिलने के कारण वे खुले में कैंपिंग कर रहे हैं। इसके अलावा पेड टैंटों में एक रात बिताने के 1000 रुपए तक प्रति व्यक्ति द्वारा चुकाए जा रहे हैं। निर्जन चंद्रताल की कैंपिंग कालोनी में ठहरने वाले कई पर्यटक कैश कम होने का राग अलापते भी देखे गए लेकिन टैंट संचालक अभी डिस्काऊंट देने के मूड में नहीं हैं। विकट परिस्थितियों में सेवाएं दे रहे टैंट संचालक उन्हें हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे हैं। इन दिनों स्पीति के चंद्रताल, किब्बर, छोटा दड़ा व शेगो सहित अनेक निर्जन स्थानों में टैंटों के पूरे गांव बस गए हैं।
उबड़-खाबड़ रोड निकाल रहे दम
पर्यटन व्यवसायियों का कहना है कि ग्रांफू से लेकर लोसर और बातल से लेकर चंद्रताल तक पूरी तरह कच्चे उबड़-खाबड़ रोड से पर्यटक बेहद परेशान हो रहे हैं। अनेक स्थानों में पर्यटकों की गाडिय़ां भी क्षतिग्रस्त हो रही हैं। होम स्टे संचालक रपतन बौद्ध दोरजे अंगरूप व नमज्ञाल का कहना है कि लोग यहां पानी खरीद कर पी रहे हैं, वहीं बेहद खराब सड़कों के उछाल व हिचकोले पर्यटकों का दम निकाल रहे हैं।