मछुआरों की आर्थिकी में होगी बढ़ोतरी, अब मछलियों की होगी Online मार्केटिंग

Edited By Simpy Khanna, Updated: 18 Jan, 2020 10:33 AM

fishermen will get benefit

हिमाचल के जलाशयों में पैदा होने वाली मछलियों की अब आनॅलाइन मार्कीटिंग होगी। मत्स्य विभाग मोडिफिकेशन इन वर्किंग ऑफ स्टेट रिजर्ववायर इन हिमाचल प्रदेश नामक योजना को प्रदेश मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इस योजना के लागू होने से मछुआरों को मछली...

बिलासपुर (ब्यूरो): हिमाचल के जलाशयों में पैदा होने वाली मछलियों की अब आनॅलाइन मार्कीटिंग होगी। मत्स्य विभाग मोडिफिकेशन इन वर्किंग ऑफ स्टेट रिजर्ववायर इन हिमाचल प्रदेश नामक योजना को प्रदेश मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इस योजना के लागू होने से मछुआरों को मछली का एक समान रेट मिलेगा। इससे जहां उनकी आर्थिकी में बढ़ोतरी होगी, वहीं मत्स्य सहकारी सभाओं को भी लाभ होगा तथा प्रदेश के मत्स्य विभाग के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। मछली कारोबार से जुड़े हजारों मछुआरों को अब एक समान रेट मिलेगा। 

नई योजना से बिलासपुर जिला की 34 सहकारी सभाओं के मत्स्य कारोबार से जुड़े करीब 1,500 मछुआरों को लाभ होगा। इससे पहले खुली बोली से मछली के दाम तय किए जाते थे लेकिन आने वाले समय में मछली के आनॅलाइन टैंडर होंगे। जो भी ठेकेदार इस टैंडर को लेगा, उसे मछली की 50 प्रतिशत मार्कीटिंग स्थानीय स्तर पर और 50 प्रतिशत की मार्कीटिंग हिमालयन फिश नाम से करनी होगी। इतना ही नहीं, नई योजना के तहत जलाशयों में सीड की स्टाकिंग का कार्य भी संबंधित ठेकेदार को ही करना होगा। योजना के प्रावधान के तहत ठेकेदार को कुल लाभ का 3 प्रतिशत हिस्सा मछुआरा वर्ग के कल्याण के लिए जमा करवाना होगा। 

इसके अलावा हिमालयन फिश नाम से प्रदेश के जलाशयों में तैयार होने वाली मछली की बाहरी राज्यों में ब्रांडिंग भी करनी होगी ताकि देश में ज्यादा से ज्यादा लोग हिमाचल में साफ व स्वच्छ जल में पैदा होने वाली ऑर्गैनिक मछली का जायका ले सकें। जानकारी के अनुसार इस बाबत विभाग के आलाधिकारियों की ओर से सहकारिता मंत्री से भी बात की गई है और पता चला है कि जल्द ही मत्स्य मंत्री व सहकारिता मंत्री की अध्यक्षता में सोसायटियों के प्रतिनिधियों के साथ विभाग द्वारा बैठक का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभाओं के साथ सामंजस्य बिठाकर योजना को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जाएगा।


मत्स्य पालन विभाग के निदेशक सतपाल मेहता ने बताया कि पायलट आधार पर इस योजना को गोबिंद सागर जलाशय में लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मत्स्य सहकारी सभाओं व मछुआरों के साथ आमराय बनाई जाएगी और नई व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा। इससे मछुआरों को जहां एक समान दाम मिलेगा, वहीं ऑनलाइन व्यवस्था से मत्स्य सोसायटियों को भी लाभ मिलेगा।

मछुआरों को मिलेंगी ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं

वहीं, पंचायती राज एवं मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा है कि मछुआरा वर्ग के कल्याण के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्प है और मछुआरा वर्ग को ज्यादा से जयादा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नई योजना से मछुआरों की आॢथकी सुदृढ़ होगी। 

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