Edited By Ekta, Updated: 11 Aug, 2018 03:13 PM
जाखू मंदिर परिसर में नगर निगम पहला वाटर रेन हार्वेस्टिंग टैंक बनाने जा रहा है। इस टैंक में 5 लाख लीटर पानी स्टोर करने की क्षमता होगी जिसका उपयोग गैर घरेलू यानि शौचालयों, गाडनिंग सहित अन्य वाटर गतिविधियों के लिए किया जा सकेगा। इसके लिए निगम ने टैंडर...
शिमला (वंदना): जाखू मंदिर परिसर में नगर निगम पहला वाटर रेन हार्वेस्टिंग टैंक बनाने जा रहा है। इस टैंक में 5 लाख लीटर पानी स्टोर करने की क्षमता होगी जिसका उपयोग गैर घरेलू यानि शौचालयों, गाडनिंग सहित अन्य वाटर गतिविधियों के लिए किया जा सकेगा। इसके लिए निगम ने टैंडर कॉल कर दिए हैं। निगम सदन ने मामले को स्वीकृति प्रदान कर दी है अब जल्द ही नगर निगम शहर में अपना पहला वाटर रेन हार्वेस्टिंग टैंक बनाकर वर्षा के पानी का संरक्षित कर इसे उपयोग में लाएगा।
नगर निगम अमृत मिशन के तहत वर्षा जल संरक्षण टैंक का निर्माण करेगा करीबन 54 लाख 38 हजार रुपए की लागत से टैंक का निर्माण किया जाएगा। शहर में पानी की बढ़ती खपत को देखते हुए नगर निगम प्रशासन ने टैंक बनाने का निर्णय लिया है ताकि गैर घरेलू उपयोग के लिए वर्षा के पानी का प्रयोग कर पानी की खपत को कम किया जा सके दरअसल घरों में शौचालयों, गाडनिंग इत्यादि में रोजाना काफी मात्रा में पानी का प्रयोग घरों में होता है ऐसे में वाटर रेन हार्वेस्टिंग टैंक में स्टोर किए गए पानी से इन कार्यों को पूरा किया जा सके इससे पानी की खपत भी कम होगी और पानी का सदुपयोग भी हो सकेगा।
आगजनी की आपात स्थिति में पानी का कर सकेगे प्रयोग
वहीं आगजनी की जैसी आपात स्थिति में भी इस टैंक के पानी को प्रयोग में लाया जा सकता हैं जाखू में अग्निशमन के बड़े वाहन नहीं जा पाते है ऐसे में मंदिर परिसर में बनाया जा रहा वाटर रेन हार्वेस्टिंग टैंक काफी कारगर साबित हो सकता हैं। इसके अलावा नगर निगम को भरयाल कूड़ा संयत्र में भी वाटर रेन हार्वेस्टिंग टैंक बनाने की योजना है निगम ट्रायल के तौर पर यह टैंक बना रहा है वार्ड सतर पर जमीन की उपलब्धता होने पर शहर के अन्य वार्डों में भी यह टैंक बनाया जाएगा।
भवन निर्माण में अनिवार्य है वाटर रेन हार्वेस्टिंग टैंक
शहर में भवन निर्माण करते समय पर वर्षा जल संरक्षण के लिए टैंक बनाना अनिवार्य किया गया है लेकिन अधिकतर लोग वाटर रेन हार्वेस्टिंग टैंकनहीं बनाते है जिससे वर्षा के पानी को संग्रहित नहीं किया जा रहा है जबकि वर्षा के पानी को गैर घरेलू उपयोग के लिए लाया जा सकता है इससे पानी की खपत भी कम होगी और पानी का सदुपयोग भी होगा।