Edited By prashant sharma, Updated: 16 Jan, 2021 12:47 PM
प्रथम चरण के पंचायती चुनाव 17 जनवरी यानी रविवार को होने हैं। इसके लिए जहां प्रशासन ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है वहीं चुनावों में हिस्सा ले रहे प्रत्याशी भी इसके लिए तैयार हैं।
धर्मशाला (कर्मपाल) : प्रथम चरण के पंचायती चुनाव 17 जनवरी यानी रविवार को होने हैं। इसके लिए जहां प्रशासन ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है वहीं चुनावों में हिस्सा ले रहे प्रत्याशी भी इसके लिए तैयार हैं। सभी प्रत्याशी घर-घर जाकर प्रचार-प्रसार कर चुके हैं, लेकिन शनिवार की रात धुकधुकी बढ़ाने वाली रात है। चुनावों से पहले की रात को हमेशा ही फेरबदल की रात माना जाता रहा है। बुजुर्गों की मानें तो इसी रात के बूते जो प्रत्याशी मुकाबले में भी नहीं होता है वो भी पूरी गेम अपने पाले में कर लेता है। भले ही जिस प्रत्याशी ने चुनाव प्रचार-प्रसार को मिले समय में मतदाताओं को रिझाने में ज्यादा मेहनत न की हो लेकिन चुनावों से पहले की रात की मेहनत हमेशा ही नतीजे बदलने वाली हो सकती है। बुजुर्गों का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में कई चुनाव देखें हैं और कई बार उन्होंने एक रात में ही समीकरणों को बदलते हुए देखा है। जिस प्रत्याशी की बात भी नहीं हो रही हो और रातोंरात अचानक वह दौड़ में आ जाए व सबसे आगे भी निकल जाए यह करामात सिर्फ चुनावों की आखिरी रात ही दिखा सकती है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को 4 बजे से पहले चरण के चुनावों का प्रचार-प्रसार रुक गया है। अब पहले चरण के प्रत्याशी केवल डोर-टू-डोर ही अपना प्रचार कर सकेंगे।
चहेतों को वोट दिलवाने की कसरत
ग्राम पंचायत चुनावों में उम्मीदवार तो मैदान में हैं हीं, लेकिन उम्मीदवारों के लिए गांव के लोग भी बंट गए हैं। प्रत्याशी खुद तो अपने समर्थकों के साथ कैंपेन कर ही रहे हैं लेकिन जो लोग उनके साथ नहीं जा पा रहे हैं वो अंदरखाते ही अपने प्रत्याशी के लिए खाका तैयार कर रहे हैं। अधिकतर लोगों को टटोलकर यह जानने का भी प्रयास कर रहे हैं कि उनका रूझान किस तरफ है। साथ ही अपने चहेते प्रत्याशियों के लिए समर्थन मांगने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। वहीं जो लोग स्पष्ट नहीं कर रहे हैं कि उनका उम्मीदवार कौन है तो उसके लिए वे अंतिम दिन किस उम्मीदवार को जिताना है के बारे में बताने की बात कर रहे हैं।
ज्यादा उम्मीदवार बिगाड़ सकते हैं समीकरण
इस बार के पंचायती चुनाव इसलिए भी रोचक हैं क्योंकि एक तरफ तो पंचायतों की संख्या में इजाफा हुआ है तो उम्मीदवार भी अधिक हो गए हैं। इससे जीत के मार्जन का फासला बहुत कम रहने की उम्मीद है। इससे उम्मीदवारों की धुकधुकी और बढ़ गई है। अधिक उम्मीदवारों व नए चेहरों के चलते पुराने नेताओं के समीकरण बिगड़ते नजर आ रहे हैं। ऐसे में कई पंचायतों में अबकी बार रिजल्ट भी चौंकाने वाले आ सकते हैं।
एक-एक वोट को लगा रहे तिकड़म
एक वोट की कीमत उस बात से पता चल सकती है जब कोई प्रत्याशी मात्र एक ही वोट से विजयी होता है। ऐसे में प्रत्याशी एक-एक वोट के लिए तिकड़म लगा रहे हैं। यदि कोई वोटर जो इस समय गांव या पंचायत में नहीं है तो उसके बारे में भी हर जानकारी प्रत्याशी जुटाने में लगे हैं और उस वोटर को मतदान केंद्र तक पहुंचाने या बुलाने की भी कसरत कर रहे हैं। कई जगह सामने आया है कि जो लोग दूसरे राज्यों में नौकरी कर रहे हैं प्रत्याशी उन्हें अपने खर्चे पर ही बुलाना चाह रहे हैं।