Edited By Vijay, Updated: 15 Apr, 2021 11:51 PM
उपमंडल ज्वाली के अधीन भलाड़ के अंतर्गत आते गांव की एक 20 वर्षीय युवती ने स्वास्थ्य विभाग की कोरोना टैस्ट रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए हैं। उसने कहा कि उसे कॉलेज में दिखाने के लिए कोरोना रिपोर्ट चाहिए थी तो वह सिविल अस्पताल ज्वाली गई और टैस्ट करवाया।...
कोटला (ब्यूरो): उपमंडल ज्वाली के अधीन भलाड़ के अंतर्गत आते गांव की एक 20 वर्षीय युवती ने स्वास्थ्य विभाग की कोरोना टैस्ट रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए हैं। उसने कहा कि उसे कॉलेज में दिखाने के लिए कोरोना रिपोर्ट चाहिए थी तो वह सिविल अस्पताल ज्वाली गई और टैस्ट करवाया। वहां उसकी रैपिड एंटीजन टैस्ट की रिपोर्ट नैगेटिव आई। इसके बाद वह अपनी रिपोर्ट लेकर घर के लिए निकलने ही वाली थी कि कर्मचारी ने उसे बुलाया और कहा कि उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव है। युवती दोनों रिपोर्ट्स लेकर घर आ गई, जिसमें एक नैगेटिव और दूसरी पॉजिटिव है जबकि डॉक्टर ने उसे 14 दिनों के लिए होम आइसोलेट कर दिया है।
परिवार के सदस्यों ने कहा कि अब आरटी-पीसीआर टैस्ट कर स्थिति स्पष्ट की जाए क्योंकि रैपिड एंटीजन टैस्ट की एक रिपोर्ट पॉजिटिव और एक नैगेटिव समझ से परे है। वहीं सिविल अस्पताल ज्वाली के एसएमओ डॉ. अमन दुआ ने कहा कि रैपिड एंटीजन टैस्ट टैस्ट ज्यादा विश्वसनीय नहीं होता है। कई बार किट खराब होने से ऐसा हो जाता है। उन्होंने कहा कि परिवार आरटी-पीसीआर टैस्ट करवा ले।