Edited By Vijay, Updated: 27 Nov, 2018 04:03 PM
विश्व बैंक ने कोल डैम परियोजना के तहत शिमला के लिए 292 करोड़ रुपए की पहली किस्त मंजूर कर दी है। इस परियोजना से प्रदेश की राजधानी के लिए सतलुज नदी से पानी लाया जाएगा। 986 करोड़ रुपए की इस परियोजना के तहत यह पहली किस्त जारी की गई है।
शिमला: विश्व बैंक ने कोल डैम परियोजना के तहत शिमला के लिए 292 करोड़ रुपए की पहली किस्त मंजूर कर दी है। इस परियोजना से प्रदेश की राजधानी के लिए सतलुज नदी से पानी लाया जाएगा। 986 करोड़ रुपए की इस परियोजना के तहत यह पहली किस्त जारी की गई है। इससे शिमला में पानी के साथ-साथ सीवरेज प्रबंधन को बेहतर बनाया जाएगा। यह रकम सोमवार को दिल्ली में आयोजित वल्र्ड बैंक व वित्त मंत्रालय के बीच हुई बैठक में मंजूर की गई है।
कई सालों से लटकी हुई थी परियोजना
राज्य सरकार ने कोल डैम परियोजना को सिरे चढ़ाने के लिए शिमला जल प्रबंधन कंपनी का गठन कर रखा है। इस परियोजना को मुकम्मल करने का जिम्मा इसी कंपनी पर रहेगा। यह परियोजना कई सालों से लटकी हुई थी। इसी साल शिमला ने जब भयंकर पेयजल संकट को झेला है तो उसके बाद राज्य सरकार ने इस मामले को केंद्र सरकार व विश्व बैंक के समक्ष उठाया। इसी के परिणाम स्वरूप केंद्र ने सोमवार को पहली किस्त रिलीज की है, जबकि प्रोजैक्ट का पूरा पैसा शिमला को 3 किस्तों में मिलना है। इस परियोजना को 4 साल में पूरा किया जाएगा। दावा किया जा रहा है कि सतलुज नदी से पानी यहां लाने के बाद शिमला वासियों को 24 घंटे नलों में बहता पानी मिलेगा।
घरों की छतों पर टंकियां रखने से मिलेगा छुटकारा
लोगों को घरों की छतों पर टंकियां लगाने की जरूरत नहीं रहेगी। इससे स्थानीय लोगों सहित यहां आने वाले सैलानियों को भी खासकर गर्मियों में पानी की कमी से दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। विश्व बैंक से मिली पहली किस्त के बाद शिमला जल प्रबंधन कंपनी सतलुज से पानी लिफ्ट करने की दिशा में काम शुरू कर देगी।
इन मदों पर खर्च होगा प्रोजैक्ट का पैसा
इस परियोजना से शिमला को 75 एम.एल.डी. पानी लाया जाएगा। इस पर 366 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे जबकि 270 करोड़ रुपए जल वितरण, 246 करोड़ रुपए सीवरेज नैटवर्क के विस्तार तथा 104 करोड़ रुपए सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट की क्षमता बढ़ाने व पुराने एस.टी.पी. की मुरम्मत पर खर्च किए जाएंगे।