Edited By Vijay, Updated: 10 Nov, 2020 10:31 PM
राज्य मंत्रिमंडल की मंगलवार को आयोजित बैठक में चर्चा के बाद एनजीटी के आदेशों को लागू करने का निर्णय लिया गया। इसके मुताबिक प्रदेश में दिवाली की रात 8 से 10 बजे तक ही पटाखे जलाने की अनुमति होगी। एनजीटी ने 200 माईक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से कम...
शिमला (ब्यूरो): राज्य मंत्रिमंडल की मंगलवार को आयोजित बैठक में चर्चा के बाद एनजीटी के आदेशों को लागू करने का निर्णय लिया गया। इसके मुताबिक प्रदेश में दिवाली की रात 8 से 10 बजे तक ही पटाखे जलाने की अनुमति होगी। एनजीटी ने 200 माईक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से कम एयर क्वालिटी इंडैक्स वाले शहरों में ग्रीन क्रैकर पटाखे जलाने की अनुमति दी है।
राज्य सरकार ने बीते साल नवम्बर महीने की एयर क्वालिटी का वि£शेषण करते हुए केवल 2 घंटे तक ग्रीन क्रैकर के प्रयोग की छूट दी है। ग्रीन क्रैकर के अलावा सामान्य पटाखों के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी जाएगी क्योंकि सामान्य पटाखों के इस्तेमाल से नाइट्रस ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी गैसें पर्यावरण को नुक्सान करती हैं। इससे पर्यावरण प्रदूषण के साथ-साथ कोविड-19 मरीजों को भी परेशानियां होंगी। इसे देखते हुए विभिन्न समूहों ने भी दीवाली पर पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। मंत्रिमंडल के निर्णय के बाद बुधवार को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सभी जिलाधीशों, पुलिस महानिदेशक और पुलिस अधीक्षक को इन आदेशों की अनुपालना के निर्देश जारी करेगा।
उल्लेखनीय है कि 0 से 50 का एयरक्वालिटी इंडैक्स अच्छा माना जाता है। 51 से 100 का संतोषजनक, 101 से 200 का मध्यम श्रेणी, 201 से 300 का गंदा (पूअर), 301 से 400 के बीच का एयरक्वालिटी इंडैक्स बहुत गंदा माना जाता है। एनजीटी आदेशानुसार बीते साल नवम्बर महीने में प्रदेश में किसी भी शहर का एयरक्वालिटी इंडैक्स 200 से ज्यादा नहीं था। यही वजह है कि राज्य में पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्णत: प्रतिबंध नहीं लगाया गया।