Edited By Vijay, Updated: 28 Apr, 2019 05:20 PM
पांवटा दून क्षेत्र में तापमान बढ़ने के साथ ही खेतों में खड़ी किसानों की उम्मीदें भी स्वाह हो रही हैं। यहां रोज गेहूं के खेतों में आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं। अधिकतर घटनाओं में बिजली की तारों में होने वाली स्पार्किंग से आग लगने की बात उभर कर...
पांवटा साहिब (रोबिन): पांवटा दून क्षेत्र में तापमान बढ़ने के साथ ही खेतों में खड़ी किसानों की उम्मीदें भी स्वाह हो रही हैं। यहां रोज गेहूं के खेतों में आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं। अधिकतर घटनाओं में बिजली की तारों में होने वाली स्पार्किंग से आग लगने की बात उभर कर सामने आ रही है। रोज बढ़ रही घटनाओं को देखते हुए पांवटा दून क्षेत्र के किसान फसल की आग से सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। कई किसानों की आजीविका का एक मात्र साधन गेहूं पूरी तरह से जल कर राख हो चुका है। पिछले चार दिनों में ही गेहूं जलने से किसानों को 10 से 15 लाख का नुक्सान हो चुका है लेकिन न तो प्रशासन ने आगजनी की घटनाएं रोकने के लिए कोई कदम उठाया है और न ही किसान अपने खेतों को आग से बचा पा रहे हैं।
खेतों के ऊपर से गुजरती बिजली की तारें आग लगने का मुख्य कारण
किसानों का कहना है खेतों में आग लगने की अधिकतर घटनाओं का कारण बिजली की तारे हैं। दरअसल खेतों के ऊपर नजदीकी से गुजर रही बिजली की तारों में स्पार्किंग होने से निकलने वाली चिंगारियां सूखी गेहूं पर गिरती हैं जिससे गेहूं आग पकड़ लेती है। तेज हवाओं के कारण सूखी गेहूं की आग इतनी तेजी से फैलती है कि उसे बुझाना लगभग नामुमकिन होता है। किसान बताते हैं कि तारों से गेहूं के खेतों को खतरे के बारे में कई बार विभाग के अधिकारियों को बताया जा चुका है लेकिन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, जिससे हर साल लाखों की गेहूं आग की भेंट चढ़ जाती है।