KCCB के पूर्व निदेशक मंडल पर दर्ज हो सकती है FIR, जानिए क्या है वजह

Edited By Vijay, Updated: 18 Jun, 2019 11:10 PM

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कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक में पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान गलत तरीके से कर्ज बांटने, बैंक भर्ती और अन्य अनियमितताएं बरतने के मामले में बैंक के पूर्व निदेशक मंडल के खिलाफ जल्द ही एफ.आई.आर. दर्ज हो सकती है। हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी...

धर्मशाला (जिनेश): कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक में पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान गलत तरीके से कर्ज बांटने, बैंक भर्ती और अन्य अनियमितताएं बरतने के मामले में बैंक के पूर्व निदेशक मंडल के खिलाफ  जल्द ही एफ.आई.आर. दर्ज हो सकती है। हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी सभाएं ने बैंक प्रबंधन को पत्र भेजकर पूर्व निदेशक मंडल के खिलाफ मामला दर्ज करवाने के निर्देश दिए हैं। बैंक के पूर्व निदेशक मंडल पर भारतीय रिजर्व बैंक और नाबार्ड के नियमों के विपरीत कर्ज बांटने, बैंक का सही एन.पी.ए. छिपाने, बिना मंजूरी विदेश यात्राएं करने और बैंक भर्ती सहित कई अनियमितताएं बरतने के आरोप हैं। सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार ने सभी मामलों की जांच विजीलैंस विभाग और राज्य सहकारी सभाएं के अतिरिक्त रजिस्ट्रार को सौंपी थी।

जांच में अनियमितताओं के 100 से अधिक मामले सामने आए

लंबे समय से चल रही जांच में नियमों के खिलाफ जाकर मनमाने ढंग से अपात्रों को लोन बांटने, बैंक भर्ती में चहेतों की नियुक्ति और अन्य अनियमितताओं के 100 से अधिक मामले सामने आए। इन मामलों में पूर्व निदेशक मंडल के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य मिलने के बाद राज्य सहकारी सभाएं ने बैंक प्रबंधन को केस दर्ज करवाने को कहा है। इस मामले में बैंक के तत्कालीन चेयरमैन सहित निदेशक मंडल के 16 निर्वाचित सदस्यों और 2 मनोनीत सदस्यों पर गाज गिर सकती है। साथ ही गलत ढंग से लोन बांटने के मामले में बैंक के कुछ अधिकारी भी नप सकते हैं।

भाजपा सरकार ने भंग किया था निदेशक मंडल

कांगड़ा सहकारी बैंक में अनियमितताओं का मामला बीते साल विधानसभा के बजट सत्र में खूब गूंजा था। इसके बाद भाजपा सरकार ने कांग्रेस के प्रभुत्व वाले बैंक के निदेशक मंडल को भंग कर 3 सदस्यीय अंतरिम निदेशक मंडल का गठन किया था। इसके बाद सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार ने बीते साल पहले 6 अप्रैल और फिर 19 जुलाई को बैंक के चेयरमैन व सभी निदेशकों को निलंबित कर दिया था। हाल ही में विभाग ने बैंक के अंतरिम निदेशक मंडल का कार्यकाल अगले 6 माह के लिए बढ़ा दिया है। 

क्या कहते हैं के.सी.सी.बी. के अधिकारी

के.सी.सी.बी. के चेयरमैन राजीव भारद्वाज ने बताया कि पूर्व सरकार के समय बैंक में लोन बांटने से लेकर भर्ती व अन्य अनियमितताओं के मामले में जांच चली हुई है। प्रबंधन को एफ.आई.आर. दर्ज करवाने के निर्देश मिलने की फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। वहीं के.सी.सी.बी. के एम.डी. विनय शर्मा ने कहा कि राज्य सहकारी सभाओं की ओर से एक पत्र मिला है, जिसमें पूर्व सरकार के समय अनियमितताएं बरतने के मामले में तत्कालीन निदेशक मंडल के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करवाने को कहा गया है। प्रबंधन इसे लेकर सभी कानूनी पहलू खंगाल रहा है व जल्द इस बारे निर्णय ले लिया जाएगा।

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