Court के आदेश पर DM सहित 4 लोगों पर FIR दर्ज, पढ़ें क्या है मामला

Edited By Vijay, Updated: 17 Apr, 2019 11:13 PM

fir against 4 people including dm on court orders

न्यायालय के आदेश पर पुलिस थाना ज्वाली में वन निगम धर्मशाला के डी.एम. सहित 4 अधिकारियों व कर्मचारियों पर एफ.आई.आर. दर्ज हुई है। मामला हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम सीमित धर्मशाला की वन कार्य इकाई कोटला के साल्वेज लॉट नं. 23/17-18/नूरपुर के जंगलों...

हमीरपुर: न्यायालय के आदेश पर पुलिस थाना ज्वाली में वन निगम धर्मशाला के डी.एम. सहित 4 अधिकारियों व कर्मचारियों पर एफ.आई.आर. दर्ज हुई है। मामला हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम सीमित धर्मशाला की वन कार्य इकाई कोटला के साल्वेज लॉट नं. 23/17-18/नूरपुर के जंगलों से खैर व शीशम के सूखे पेड़ों के गिरान व चिरान की निकासी वन संपदा की कथित हेराफेरी से जुड़ा है। इस लॉट के जंगलों में वन निगम ने वन विभाग से 35 चीड़ सूखे पेड़, 26 शीशम सूखे पेड़ व 94 खैर के सूखे पेड़ वन संपदा विदोहन हेतु प्राप्त किए थे और इन पेड़ों का गिरान कन्वर्शन करके निर्धारित सड़क डिपो कोटला के लिए वन संपदा ढुलान करने की एल.एस.एम. (ठेकेदार) के माध्यम से निविदा आमंत्रित कर कार्य डी.एम., ए.एम., बी.ओ. व वनरक्षक की देखरेख/ड्यूटी में हुआ। कार्य करने के दौरान व बाद में भी लकड़ी चोरी के आरोप लगते रहे लेकिन वन निगम के अधिकारी लकड़ी की चोरी से वन निगम को हुई हानि को छुपाते रहे।

कार्रवाई न होती देख कोर्ट की शरण में पहुंचा शिकायतकर्ता

सितम्बर, 2018 में इस लॉट के जंगल के सड़क डिपो कोटला में रखी खैर/शीशम वन संपदा का आर.टी.आई. एक्ट के तहत निरीक्षण करवाने के लिए जन सूचना अधिकारी एवं मंडलीय प्रबंधक धर्मशाला को हमीरपुर निवासी ओंकार सिंह चंदेल ने आवेदन दायर किया। उसके बाद ए.पी.आई.ओ. एवं सहायक प्रबंधक कोटला ने 8 व 9 अक्तूबर, 2018 को लॉट की मौके पर रखी खैर/शीशम वन संपदा के रिकॉर्ड की फील्ड बुक, कन्वर्शन रजिस्ट्रर व अन्य रिकॉर्ड सहित निरीक्षण करवाया। काफी समय बीत जाने पर भी कोई कार्रवाई न होते देखकर शिकायतकर्ता ओंकार चंदेल ने मजबूर होकर न्यायालय की शरण ली और 23 मार्च, 2019 को माननीय चीफ ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रैट ज्वाली की अदालत ने एस.एच.ओ. ज्वाली को इस लकड़ी की हेराफेरी के केस में एफ.आई.आर. दर्ज करने के आदेश दिए, फिर 1 अप्रैल को  एफ.आई.आर. दर्ज हुई।

संयुक्त निरीक्षण में पाई गई वन सम्पदा की कमी

सहायक प्रबंधक कोटला द्वारा मौके पर तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार इस लॉट के पेड़ों को जोडऩे पर पेड़ न बनने के कारण शीशम लॉग्ज के 24 पीस व खैर बिलेट्स के 44 पीस मौके पर कम पाए गए तथा खैर/शीशम के 120 पेड़ों का बालन न तो रिकॉर्ड में दर्ज पाया गया और न ही मौके पर पाया गया। यही नहीं, निरीक्षण के दौरान फील्ड बुक के मार्किंग नंबर 17/2 के शीशम प्रजाति के पेड़ को जोड़ा गया, जिसकी गर्थ ब्रैस्ट हाइट से 108 सैंटीमीटर कम पाई गई जबकि कागजों में इसकी गर्थ 141 सैंटीमीटर द्वितीय श्रेणी की दर्ज है जोकि पेड़ भिन्न पाया गया। फील्ड बुक/मार्किंग नंबर 26/2 में शीशम पेड़ का प्रथम लॉग्ज 0.126 घन मीटर आकार का फील्ड बुक में लॉग्ज दर्ज पाया लेकिन मौके पर यह दूसरा लॉग्ज था तथा इसका पहला लॉग्ज व पेड़ का अगला कोई भी भाग न तो रिकॉर्ड में दर्ज पाया गया और न ही मौके पर।

क्या कहती है पुलिस

एस.एच.ओ. ज्वाली नीरज राणा ने बताया कि डी.एम. धर्मशाला, तत्कालीन सहायक प्रबंधक कोटला, एक सेवानिवृत्त डिप्टी रेंजर व वन रक्षक पर एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। मामले में छानबीन चली हुई है।

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