वित्तीय संकट के बीच खनन से आएंगे 200 करोड़, कुल्लू के बाद चंबा-शिमला में होगी नीलामी

Edited By Ekta, Updated: 12 Aug, 2018 01:28 PM

financial crisis in between mining will come from 200 crore

गंभीर वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहे प्रदेश के लिए खनन से 200 करोड़ रुपए का सालाना राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत जिलावार खनन के लिए नीलामी की प्रक्रिया जारी है। इस कड़ी के तहत कुल्लू जिला के बाद अब चम्बा और शिमला जिला में भी नीलामी...

शिमला (कुलदीप): गंभीर वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहे प्रदेश के लिए खनन से 200 करोड़ रुपए का सालाना राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत जिलावार खनन के लिए नीलामी की प्रक्रिया जारी है। इस कड़ी के तहत कुल्लू जिला के बाद अब चम्बा और शिमला जिला में भी नीलामी प्रक्रिया शुरू की जा रही है। कुल्लू जिला में कुल 10 स्थानों पर खनन को लेकर नीलामी हुई, जिसमें 7 क्षेत्र कुल्लू और 3 मनाली के हैं। इसके बाद चम्बा जिला के चुराह में नीलामी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

चुराह के बाद शिमला जिला में 8 स्थानों को नीलामी के लिए चुना गया है। इसमें 8 स्थान पब्बर नदी के किनारे हैं तथा 1 सतलुज नदी पर रामपुर के पास है। नीलामी की यह प्रक्रिया 15 साल के लिए होगी और इसकी अनुमति मिलने के बाद यहां पर स्टोन क्रशर को लगाया जा सकेगा। हालांकि इसके लिए पर्यावरण सहित अन्य क्लीयरैंस के बाद ही बात आगे बढ़ पाएगी। खनन के अलावा राजस्व जुटाने के लिए सरकार के बाद सबसे बड़ा माध्यम आबकारी एवं कराधान विभाग है। नई आबकारी नीति के अनुसार वर्ष 2018-19 के दौरान 1552.88 करोड़ रुपए राजस्व लाभ होने की संभावना है। यह राशि बीते वर्ष 2017-18 से 271.33 करोड़ रुपए से अधिक है। यानी इसमें 21.17 फीसदी का लाभ होने की संभावना है, जो वर्ष 2017-18 से 271.33 करोड़ रुपए अधिक है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश पर इस समय करीब 50,000 करोड़ रुपए का कर्ज पहुंच चुका है। कर्ज के बोझ तले दबी प्रदेश की अर्थव्यवस्था इतनी खराब है कि सरकार को आने वाले 7 साल के दौरान 55 फीसदी कर्जों का भुगतान करना होगा, जो सुखद नहीं है। कर्ज की भारी भरकम राशि के भुगतान से अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ेगा। राज्य में बीते 5 सालों में प्रदेश में प्रति व्यक्ति कर्ज का बोझ भी 50 फीसदी बढ़ गया है। यानी प्रति व्यक्ति कर्ज का बोझ 65,444 रुपए तक पहुंच गया है। राज्य सरकार को 3,096 करोड़ रुपए के ऋणों का भुगतान आगामी साल में करना है। ऋण राशि का 31 फीसदी यानी 10,008 करोड़ रुपए आगामी 1 से 5 सालों में चुकाना है जबकि 19,466 करोड़ रुपए ऋण का भुगतान 5 सालों में करना है। 

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