आधी रात को बिना हथियार वन माफिया से भिड़ गई महिला Forest Guard, लकड़ी से भरी जीप पकड़ी

Edited By Punjab Kesari, Updated: 13 Mar, 2018 11:21 PM

female forest guard fight from forest mafia in midnight without weapon

बेशक लोग आज भी बेटियों को जन्म देने से पहले ही कोख में मार रहे हों लेकिन वन विभाग में भर्ती एक फोरैस्ट गार्ड बेटी ने बहादुरी का ऐसा काम कर दिखाया है जिसकी हर ओर चर्चाएं हो रही हैं।

शिमला: बेशक लोग आज भी बेटियों को जन्म देने से पहले ही कोख में मार रहे हों लेकिन वन विभाग में भर्ती एक फोरैस्ट गार्ड बेटी ने बहादुरी का ऐसा काम कर दिखाया है जिसकी हर ओर चर्चाएं हो रही हैं। ठियोग के केलवी गांव की रहने वाली जया चंदेल ने अपने ही बैच के भर्ती 2 अन्य फोरैस्ट गार्ड के साथ मिलकर रात डेढ़ बजे कोटखाई में अवैध रूप से पिकअप में ले जाई जा रही 22 कडिय़ां जब्त की हैं लेकिन वन माफिया अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से फरार होने में कामयाब हो गया। गाड़ी सहित जब्त की गई लकड़ी को लेकर वन विभाग ने कोटखाई पुलिस थाना में एफ.आई.आर. दर्ज करवा दी है।

बिना हथियार के वन माफिया पर हाथ डालने की बनाई योजना
जया चंदेल कोटखाई की शिलागांव वन बीट में कार्यरत है। जया वर्ष 2015 में भर्ती हुई है। उसी के साथ भर्ती मनोज कुमार महासू वन बीट और नीरज थरोला वन बीट में फोरैस्ट गार्ड हैं। तीनों वन रेंज की सीमाएं एक-दूसरे के साथ लगती हैं। इसे देखते हुए तीनों वन रक्षकों ने बिना हथियार के वन माफिया पर हाथ डालने की योजना बनाई। उन्हें शक हो गया था कि कोई अवैध रूप से लकड़ी की तस्करी कर रहा है। एक दिन पहले उन्हें जंगल में आधे पड़ाव में कुछ लकड़ी काटने की सूचना मिली थी। इसका फायदा उठाकर तीनों वन रेंज के फोरैस्ट गाडो्र्रं ने संयुक्त रूप से नाका लगाया। रात करीब डेढ़ बजे उन्होंने अवैध रूप से लकड़ी ले जा रहे वाहन को पकड़ा। इस तरह तीनों वन रक्षकों ने बिना हथियार के रात के वक्त लकड़ी को पकड़कर अपनी ड्यूटी बखूबी निभाई है।

बिना हथियार के रहती है असुरक्षा
जया चंदेल ने बातचीत में बताया कि बिना हथियार के ड्यूटी देने से उनमें असुरक्षा की भावना बनी रहती है। फिर भी वे हर वक्त ईमानदारी से ड्यूटी करते हैं। उन्होंने बताया कि लकड़ी को पकडऩे के बाद उन्होंने इसकी सूचना विभाग के उच्च अधिकारियों को दी और एफ.आई.आर. दर्ज करवाई। पुलिस ने भी इस मामले में तफ्तीश तेज कर दी है। पुलिस जब्त पिकअप (एच.पी. 09-3468) के मालिक की तलाश में जुट गई है क्योंकि तस्कर इसी गाड़ी में लकड़ी को ले जा रहे थे।

वन रक्षकों को अब तक नहीं मिले हथियार
पूर्व वीरभद्र सरकार और जयराम सरकार कई बार वन रक्षकों को हथियार देने की बात कर चुकी है लेकिन ये दावे फाइलों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। इससे वन रक्षक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। खासकर वन रक्षक होशियार सिंह की मौत, नाहन में वन कर्मियों पर गोलियां चलने व चौपाल में वन कर्मी को धमकी की घटनाओं के बाद वन कर्मियों में ज्यादा असुरक्षा की भावना घर कर गई है।

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