Edited By Vijay, Updated: 28 Apr, 2020 07:55 PM
कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि लाहौल-स्पीति का एकमात्र बीजाई सीजन जोरों पर है और ऐसे में कुल्लू में फंसे सभी किसानों को लाहौल-स्पीति पहुंचाना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि 291 किसानों को रोहतांग दर्रे से लाहौल पहुंचाया जा चुका है।...
कुल्लू (मनमिंदर): कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि लाहौल-स्पीति का एकमात्र बीजाई सीजन जोरों पर है और ऐसे में कुल्लू में फंसे सभी किसानों को लाहौल-स्पीति पहुंचाना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि 291 किसानों को रोहतांग दर्रे से लाहौल पहुंचाया जा चुका है। मंगलवार को 52 टैैक्सियां तथा 11 निजी वाहनों ने रोहतांग दर्रा पार किया।
उन्होंने बताया कि लाहौल घाटी प्रवेश करने वाले सभी लोगों के स्वास्थ्य की जांच कोठी तथा कोकसर में की जा रही है ताकि कोई एक भी संदिग्ध अथवा बीमार व्यक्ति घाटी में न जाए। उन्होंने कहा कि पांगी घाटी के लोगों को सड़क बहाल होते ही भेजने की व्यवस्था की जाएगी। वर्तमान में लंबे व दुर्गम रास्ते में खाने-पीने व ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं है, इसलिए पांगी के लोगों को रास्ता खुलने तक इंतजार करना होगा।
उन्होंने घाटी के लोगों से पुन: अपील की है कि अपने साथ किसी मजदूर को न लेकर जाएं। ऐसा करने पर नियमों में कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि जो घाटी में मजदूर मौजूद हैं, उन्हीं से कृषि अथवा निर्माण कार्यों को करवाएं। कोरोना संकट के चलते बाहरी प्रदेशों अथवा जिलों से बहरहाल किसी भी कामगार को घाटी में जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। घाटी में प्रवेश करने वाले लाहौल के लोगों को भी अपने घरों में 14 दिनों के लिए क्वारंटीन किया जा रहा है।
उन्होंने किसानों व बागवानों से खेतों व बगीचों में काम करते समय अथवा अपने उत्पादों का विपणन करते समय एक से दो गज की सामाजिक दूरी बनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कोरोना का संकट लगातार बढ़ रहा है और ऐसे में सामाजिक दूरी के मानदंडों को अपनाना तथा घर से निकलने पर मास्क अथवा फेस कवर लगाना दोनों बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि इन 2 नियमों का पालन करने मात्र से व्यक्ति कोरोना वायरस के संक्रमण से बच सकता है।