Edited By Simpy Khanna, Updated: 01 Nov, 2019 09:53 AM
बांस से किसानों का कायाकल्प किया जाएगा। वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य में अब बांस भी भागीदार बनने जा रहा है। बांस की खेती को प्रदेश में बढ़ावा देने के लिए नैशनल बैंबू मिशन के अंतर्गत निजी तथा सरकारी भूमि पर बांस लगाए जाने की कवायद...
पालमपुर (भृगु): बांस से किसानों का कायाकल्प किया जाएगा। वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य में अब बांस भी भागीदार बनने जा रहा है। बांस की खेती को प्रदेश में बढ़ावा देने के लिए नैशनल बैंबू मिशन के अंतर्गत निजी तथा सरकारी भूमि पर बांस लगाए जाने की कवायद आरंभ की जाएगी। किसानों को इस हेतु अनुदानित मूल्य पर बांस की पौध उपलब्ध करवाई जाएगी। कृषि विभाग को नोडल एजैंसी बनाया गया है जबकि केंद्र सरकार की इस योजना के क्रियान्वयन में वन तथा बागवानी विभाग भी सहयोग करेगा।
देश में बांस की 136 प्रजातियों में से ऐसी प्रजातियों को चिहिन्त कर प्रदेश के किसानों को दिया जाएगा। बांस जहां पहले कुटीर उद्योग का आधार रहा है तो अब सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर इसे देखा जा रहा है। ऐसे में बांस के व्यावसायिक उपयोग को बढ़ाने के लिए चिहिन्त प्रजातियों को प्रदेश के किसानों को दिया जाएगा। इस हेतु 20 करोड़ का वाॢषक बजट प्लान किया गया है। केंद्रीय भवन शोध संस्थान रुड़की ने निर्माण कार्यों में बांस के उपयोग को अपनी हरी झंडी दिखाई है तो फर्नीचर, हैंडीक्राफ्ट में भी इसके उपयोग में बढ़ौतरी हुई है।