Edited By Ekta, Updated: 23 May, 2018 04:35 PM
शिमला के रोहड़ू में ''जन एकता जन अधिकार आंदोलन'' के चल रहे प्रदर्शन में किसानों ने एसडीएम कार्यालय का घेराव किया। जहां उन्होंने डीएफओ रोहड़ू के विरुद्ध एफआईआर करने को लेकर गिरफ्तारी की मांग की। किसानों ने कहा कि यह धरना तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार...
रोहड़ू: शिमला के रोहड़ू में 'जन एकता जन अधिकार आंदोलन' के चल रहे प्रदर्शन में किसानों ने एसडीएम कार्यालय का घेराव किया। जहां उन्होंने डीएफओ रोहड़ू के विरुद्ध एफआईआर करने को लेकर गिरफ्तारी की मांग की। किसानों ने कहा कि यह धरना तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार दोषी डीएफओ के विरुद्ध एफआईआर या गिरफ्तारी नहीं करती। अगर सरकार करेगी और कार्रवाई नहीं करती तो महामहिम राष्ट्रपति के ध्यान में ये गरीब किसानों के साथ किए गए अन्याय का मामला लाया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक इस प्रदर्शन में हिमाचल किसान सभा, सीटू, एस. एफ.आई., नौजवान सभा, किसान जमीन बचाओ संघर्ष समिति आदि संघठनों ने भाग लिया। आज विभिन्न संगठनों के द्वारा केंद्र की भाजपा की मोदी सरकार के आज चार वर्ष पूरा होने पर और इनमें सरकार द्वारा लागू की गई जनविरोधी नीतियों के विरूद्ध प्रदर्शन किया जा रहा है। इसमें लाखो लाख मजदूरों, किसानों, युवाओं, महिलाओं, छात्रों, आदिवासियों व अन्य वर्गों से संबंधित जन ने भागीदारी की गई।
इसमें महंगाई, कृषि संकट, किसानों की आत्महत्या, नोटबंदी व जीएसटी से बेरोजगारी, महिलाओं पर अत्याचार, युवाओं में बेरोजगारी, शिक्षा व शिक्षण संस्थानों में सरकार का हस्तक्षेप है। मोदी सरकार ने इन चार वर्षों में केवल बड़े कॉरपोरेट व कंपनियों को फायदा पहुंचाया है और लाखों करोड़ रुपए की छूट इनको दी गई है। प्रदेश में भी केंद्र सरकार द्वारा लागू की जा रही इन नीतियों का व्यापक असर देखने को मिला है और किसान, मजदूर, युवा, छात्र, महिला सभी वर्ग बेहद परेशान हैं। प्रदेश में किसान आज जमीन की मांग को लेकर संघर्ष कर रहा है। पिछले कुछ समय से प्रदेश सरकार उच्च न्यायालय के आदेश की आड़ में प्रदेश में किसानों के सेब के पेड़ काटे जा रहे हैं, उनके मकान उजाड़े जा रहे हैं किसान संघर्ष कर रहा है परंतु सरकार मौन बैठी है। आज तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है।