Edited By Simpy Khanna, Updated: 12 Dec, 2019 03:54 PM
हिमाचल प्रदेश में किसानों के लिए मुसीबत बने जंगली जानवर और आवारा पशुओं द्वारा जहां उनकी फसलों को बर्बाद कर दिया जाता था तो वहीं इस समस्या के चलते कई किसानों ने खेतीबाड़ी करना छोड़ दिया था। किसानो द्वारा बाड़ लगाकर जंगली जानवरों से अपनी फसलें बचाने की...
बिलासपुर (मुकेश) : हिमाचल प्रदेश में किसानों के लिए मुसीबत बने जंगली जानवर और आवारा पशुओं द्वारा जहां उनकी फसलों को बर्बाद कर दिया जाता था तो वहीं इस समस्या के चलते कई किसानों ने खेतीबाड़ी करना छोड़ दिया था। किसानो द्वारा बाड़ लगाकर जंगली जानवरों से अपनी फसलें बचाने की विधि फेल होने बाद कई किसान ऐसे थे जो की करंट की तारों का सहारा लेकर फसलो को बचाने में जुटे हुए थे जिसके चलते आये दिन जंगली जानवर व आवारा पशु करंट की चपेट में आकर मर जाते थे।
वहीं अब इस समस्या के समाधान के लिए कृषि विभाग द्वारा बिलासपुर से सोलर फेंसिंग विधि की शुरुआत की गयी है जिसके चलते सोलर लाइट से कनेक्शन कर खेतों के चारों ओर 10 फुट ऊंचाई तक तारें लगायी जाती है जिसमे हल्का करंट रहता है जिससे एक हूटर कनेक्ट रहता है। इस विधि के जरिये जहां जंगली जानवर के खेतों में घुसते समय तार से छूने पर हल्का झटका लगता है जिससे वह घबराकर भाग जाते है और हूटर बजने से खेत मालिक को जंगली जानवरों की जानकारी मिल जाती है। बिलासपुर से शुरुआत हुए सोलर फेंसिंग विधि का इस्तेमाल करने वाले किसानों की मानें तो इस विधि को अपनाकर उन्होंने फिर से खेती करना शुरू कर दिया है जिससे उन्हें अब मुनाफा हो रहा है।|
आपको बता दें की हिमाचल सरकार द्वारा किसानो की फसल को जानवरों से सुरक्षित करने के लिए सोलर फेंसिंग विधि की शुरआत की गयी है जिसके जरिये सामूहिक किसानों द्वारा इस विधि को लगाने पर 85 प्रतिशत तक सबसीडी और व्यक्तिगत लगवाने के लिए 80 प्रतिशत तक सबसीडी दी जा रही है। सोलर फेंसिंग विधि की जानकारी देते हुए कृषि विभाग बिलासपुर के डिप्टी डायरेक्टर कुलदीप सिंह पटियाल ने बताया की बिलासपुर जिले में 125 किसानों द्वारा इस विधि का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे उनकी फसल जंगली जानवरों से पूरी तरह सुरक्षित है साथ ही उन्होंने जिले के अन्य किसानों द्वारा भी इस विधि का इस्तेमाल करने की अपील की है।