लाहौल में सरकार के खिलाफ गरजे किसान-बागवान, जानिए किस बात का है मलाल

Edited By Vijay, Updated: 08 Nov, 2018 05:56 PM

farmer against the government in lahaul

कड़ाके की ठंड के बावजूद लाहौल घाटी में पहली बार नवम्बर महीने में विशाल किसान रैली का आयोजन किया गया। लाहौल घाटी किसान मंच के बैनर तले इस जन चेतना रैली में घाटी के हर क्षेत्र के किसानों-बागवानों ने भाग लिया।

मनाली: कड़ाके की ठंड के बावजूद लाहौल घाटी में पहली बार नवम्बर महीने में विशाल किसान रैली का आयोजन किया गया। लाहौल घाटी किसान मंच के बैनर तले इस जन चेतना रैली में घाटी के हर क्षेत्र के किसानों-बागवानों ने भाग लिया। किसानों और बागवानों ने राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ  जमकर नारेबाजी की। मंच के संयोजक सुदर्शन जस्पा ने किसान रैली में कहा कि एक तरफ  जहां प्राकृतिक आपदा से जो त्रासदी हुई उससे बड़ी त्रासदी लाहौल घाटी के किसानों के लिए यह रही कि राज्य और केंद्र सरकार की तरफ  से राहत और मुआवजे के नाम पर फूटी कौड़ी नहीं मिली जबकि इस प्राकृतिक आपदा से पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा नुक्सान लाहौल घाटी में ही हुआ है।

बर्फबारी से जमींदोज हुए सेब से लदे लाखों पेड़
22 सितम्बर को हुई बर्फबारी से सेब से लदे लाखों पेड़ जमींदोज हो गए, वहीं आलू और अन्य नकदी फसलें बर्फबारी से खेतों में ही तबाह हो गईं। त्रासदी के करीब दो महीने बाद भी राज्य और केंद्र सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की सहायता किसानों को नहीं दी गई। भारत सरकार के राजपत्र में लाहौल घाटी समेत हिमाचल से बीज आलू के अन्य राज्यों में आपूूर्ति पर पाबंदी हटाए जाने के बावजूद अन्य राज्यों के व्यापारी अब भी लाहौली बीज आलू को खरीदने में ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे हैं, जिससे किसानों को बीज आलू को बेचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे हालात में सरकार बीज आलू को खुद बेचने की व्यवस्था करे अन्यथा किसानों को बाजार भाव के हिसाब से मुआवजा जारी करे।

बोर्ड को भंग करने की मांग की
एल.पी.एस. के आम सभा में पारित प्रस्तावों जिसमें बोर्ड को भंग करने, भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ  कानूनी कार्यवाही, सभा के होटल और गैस्ट हाऊस की लीज डीड रद करने समेत अन्य मुद्दों को क्रियान्वित करने की मांग सरकार से की गई है, वहीं बुनियादी सुविधाओं जैसे बिजली, दूरसंचार, सड़कें और अन्य सुविधाओं को तुरंत दुरस्त करने की मांग की। जस्पा ने घाटी में सिंचाई सुविधाओं को विकसित करने की मांग की।

बेबुनियाद बयानबाजी कर रहे कृषि मंत्री
जस्पा ने कहा कि कृषि मंत्री जिला से बाहर बैठ कर बेबुनियाद बयानबाजी कर किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं जबकि उनकी ओर से की गई अधिकतर घोषणाएं जमीनी हकीकत से कोंसों दूर हैं। किसान मंच ने सरकार से मांग की है कि सर्दियों के दौरान रोहतांग सुरंग होकर आम लोगों के लिए आवाजाही की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि सरकार घाटी में जल्द सब्जी मंडी खोलने की व्यवस्था करे। रैली को जिप उपाध्यक्ष शशि किरण ग्रामीण युवा संगठन के विरेंद्र ठाकुर व जहालमा पंचायत प्रधान सुरेंद्र कीरू ने भी संबोधित करते हुए किसानों के हितों की पैरवी की। रैली के बाद मंच के प्रतिनिधिमंडल ने तहसीलदार के माध्यम सी.एम. को किसानों की मांगों को लेकर ज्ञापन प्रेषित किया।

किसानों का सड़कों पर उतरना दुखद
पूर्व विधायक रवि ठाकुर ने बताया कि यह बहुत दुखद घटना है कि हमारे जिले का कृषि मंत्री होते हुए इतिहास में पहली बार लाहौली किसानों को सड़कों पर उतर कर ऐसा प्रदर्शन करन पड़ रहा है। जितनी भी घोषणाएं समर्थन मूल्य को लेकर या आलू का बीज बिक्री बहाल होने को लेकर की गईं, उन्हें जमीनी स्तर पर कहीं भी अमलीजामा नहीं पहनाया गया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के गैर-जिम्मेदाराना रवैये के कारण बीज आलू की सप्लाई पर पाबंदी लगने से लाहौली आलू की छवि देशभर में खराब हुई है।

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