कार्पोरेट घरानों का परिवारवाद देश के लिए खतरनाक : सुशांत सिंह

Edited By Vijay, Updated: 24 Jun, 2018 10:35 PM

familyism of corporate houses is dangerous for the country sushant singh

देश में बड़े राजनीतिक या फिर कार्पाेरेट घरानों का परिवारवाद देश को दीमक की भांति खोखला कर रहा है। परिवारवाद के कारण काबिलियत रखने वाले लोग आगे नहीं आ पा रहे हैं। यह बात शिमला में आयोजित लिट्रेचर फैस्टीवल में मशहूर एक्टर सुशांत सिंह ने ओपन डिस्कशन के...

शिमला: देश में बड़े राजनीतिक या फिर कार्पाेरेट घरानों का परिवारवाद देश को दीमक की भांति खोखला कर रहा है। परिवारवाद के कारण काबिलियत रखने वाले लोग आगे नहीं आ पा रहे हैं। यह बात शिमला में आयोजित लिट्रेचर फैस्टीवल में मशहूर एक्टर सुशांत सिंह ने ओपन डिस्कशन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि वे परिवारवाद के खिलाफ नहीं हैं बल्कि परिवारवाद की वजह से आयोग्य लोग आगे आ जाते हैं और प्रतिभाशाली पिछड़ जाते हैं उन्होंने कहा कि देश के कुछ बड़े कार्पोरेट राजघरानों की देश की राजनीति में दखलअंदाजी बढ़ती जा रही है, जिससे भारत आगे बढ़ाने की बजाय पिछड़ रहा है। जो देश के लिए खतरनाक है समय रहते इस तरह कार्पोरेट घरानों से देश को बचाने की जरूरत है।


मोदी को सुप्रीम न समझा जाए
उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर मैं परिवारवाद का विरोध नहीं करता हूं लेकिन परिवारवाद भी तभी काम आएगा जब व्यक्ति के अंदर काबिलियत होती है यदि काबिलियत नहीं होगी और उसे देश का प्रधानमंत्री या फिर सर्वोच्च पद पर बिठा दिया जाएगा तो इससे देश को ही नुक्सान होगा। उन्होंने देश के युवा वोटरों से अपील की है कि वे राजनेताओं के जुमलों में न फंसे स्वयं शिक्षित होकर सही गलत का चुनाव करें और फिर वोट दें और भ्रष्ट को राजनीति से बाहर करें। उन्होंने मोदी पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि सरकार किसी एक व्यक्ति विशेष के सहारे नहीं चलती है, ऐसे में मोदी को सुप्रीम न समझा जाए।


परिवारवाद के मामलों पर खामोश रहती आई है मीडिया
उन्होंने परिवारवाद को लेकर मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा कि मीडिया परिवारवाद के मामलों पर खामोश रहती आई है, इससे मीडिया भी सवालों के घेरे में है। उन्होंने कई कार्पोरेट घरानों व गांधी परिवार सहित वॉलीबुड में परिवारवाद के उदाहरण दिए। वहीं कांग्रेस राहुल गांधी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के समय पर बगावत पर उतरे पार्टी के शहनाद पूनावाला ने भी कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि काश सोनिया गांधी अपने बेटे राहुल की काबिलियत को समझ पातीं तो कांग्रेस को आज ये दिन नहीं देखने पड़ते।


कांग्रेस परिवारवाद की जननी
उन्होंने कहा कि कांग्रेस परिवारवाद की जननी है कांग्रेस ने रिवायत शुरू की है लेकिन अब भाजपा में भी ये टैं्रड शुरू हो गया है। परिवारवाद के कारण काबिलियत रखने वाले को व्यक्ति का कोई सम्मान नहीं होता है। लिट्रेचर फैस्टीवल में भारतीय राजनीति में परिवारवाद को लेकर लेखकों व एक्टिवीटों के बीच काफी तीखी बहसबाजी हुई। इस दौरान किसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा तो कुछेक ने कांग्रेस को भ्रष्ट करार दिया। लेखकों का कहना था कि कांग्रेस ने 70 साल राज किया और देश को पिछड़ों की श्रेणी में खड़ा कर दिया। कांग्रेस ने देश में जमकर भ्रष्टाचार फैलाया है।


मन बात की बजाय जन की बात करें मोदी
लिट्रेचर फैस्टीवल में तहसीन पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस ने देश का वास्तविक विकास किया है भाजपा तो महज जुमलों की पार्टी है। नरेंद्र मोदी केवल अच्छे भाषण दे सकते हैं लोगों से मन की बात कर सकते हैं। तहसीन पूनावाना ने मोदी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि मोदी को मन की बात के बजाय जन की बात करने की जरूरत है।


भाजपा कर रही देश का विकास, कांग्रेस ने देश को किया 70 साल पीछे
भाजपा के दिल्ली यूनिट के प्रवक्ता तेजिंद्रर सिंह बग्गा ने परिवारवाद पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा है कि कांग्रेस परिवारवाद की जननी है कांग्रेस के राज में देश में भ्रष्टाचार फैला है कांग्रेस ने 70 साल देश में राज कर देश को सालों पीछे धकेल दिया है।


स्कूली बच्चों व लोगों के सवालों के दिए जवाब
ओपन डिस्कशन के दौरान शहर के स्कूली बच्चों व स्थानीय लोगों, पर्यटकों ने पैनल डिस्कशन में बैठे सभी लोगों से देया की राजनीति में मौजूदा संदर्भ पर सवाल-जवाब भी किए। इसमें से कई लोगों ने पूछा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इतनी रैलियां क्यों करते हैं जबकि वह पी.एम. हैं उन्हें इतनी रैलियों में भाग नहीं लेना चाहिए, लोगों ने पूछा कि क्या भाजपा के पास मोदी के अलावा कोई और नेता नहीं है जो मोदी को स्वयं रैलियां करनी पड़ रही हैं। इसके अलावा राहुल गांधी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर भी लोगों ने कहा कि कांग्रेस को राहुल के अलावा किसी और विकल्प के बारे में सोचने की जरूरत है।


कालेज छात्रों ने बनाया सुशांत का चित्र
लिट्रेचर फैस्टीवल में भाग लेने शिमला आए एक्टर सुशांत सिंह को सुनने के लिए गेयटी थिएटर के ओपन थिएटर में स्कूली बच्चों, स्थानीय लोगों व पर्यटकों को हुजूम उमड़ा रहा। इस दौरान कालेज के छात्रों द्वारा सुशांत सिंह को पोट्रेट बनाया गया था जिसे छात्रों ने सुशांत को सौंपा। डिस्कशन खत्म होने के बाद सुशांत लोगों से रू-ब-रू हुए और उन्हें आटोग्राफ भी दिए इसके बाद सुशांत आशियान रेस्तरां गए और वहां पर दोपहर का भोजन किया।


गेयटी में हुआ कवि सम्मेलन
गेयटी थिएटर में भाषा कला संस्कृति विभाग व एक्रोस दि रोड एडवरटाइजिंग इवैंट्स के सौजन्य से 2 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय साहित्य उत्सव का आयोजन किया गया। इसमें देशभर से आए लेखकों, साहित्यकारों ने भाग लिया। इसमें दोपहर बाद के सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया इसमें ओ.वी. रारस्वत, कुलराजीव पंत, डा. कुवर दिनेश सिंह, सी.आर.बी. ललित, अरुण कुमार शर्मा, के.आर. भारती, डा. अनिल राकेशी ने कविता पाठ किया। इस मौके पर जिला भाषा अधिकारी त्रिलोक सूर्यवंशी ने मंच संचालन किया। इसके अलावा स्त्री लेखन और समाज पर निलिमा चौहान, चित्रा देसाई और प्रो. रेखा ने अपने विचार प्रस्तुत किए। लिट्रेचर फैस्टीवल में स्थानीय लेखक राजा भसीन ने पहाड़ों की रानी की मंत्रमुग्ध कहानियों को दर्शकों के समक्ष पेश किया। इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया।

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