दिल्ली से MLA की परमिशन पर गेहूं काटने हमीरपुर पहुंचा परिवार, प्रशासन ने किया Quarantine

Edited By Vijay, Updated: 23 Apr, 2020 05:33 PM

family reached hamirpur to wheat harvesting on permission of mla from delhi

नादौन में पंजाब प्रशासन की अनुमति के बावजूद नादौन नाके पर गाड़ी ले जाने पर रोक लगने पर एक महिला अपने पति के साथ पैदल 22 किलोमीटर सफर तय कर मां के अंतिम दर्शनों के लिए पहुंचने का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि अब दिल्ली के विधायक के लैटर पर मिली अनुमति...

सुजानपुर (ब्यूरो): नादौन में पंजाब प्रशासन की अनुमति के बावजूद नादौन नाके पर गाड़ी ले जाने पर रोक लगने पर एक महिला अपने पति के साथ पैदल 22 किलोमीटर सफर तय कर मां के अंतिम दर्शनों के लिए पहुंचने का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि अब दिल्ली के विधायक के लैटर पर मिली अनुमति पर ही एक परिवार सुजानपुर की ग्राम पंचायत दाड़ला गेहूं की फसल काटने पहुंच गया लेकिन उन्हें किसी ने नाके पर रोकने की जहमत नहीं उठाई। यह तो दीगर रहा कि सुजानपुर प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए  पूरे पारिवारिक सदस्यों को एक नोडल अधिकारी की देखरेख में 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन कर दिया है लेकिन मामले ने सारे नियमों की बखियां उधेड़कर रख दी हैं। उधर, लोगों में चर्चा है कि एक मां के दर्शनों की जगह नाके पर तैनात प्रहरियों को गेहूं काटने आ रहे परिवार की एमरजैंसी ज्यादा बड़ी दिखी।

डीएम के पास होता है अनुमति देने या न देने का अधिकार

जानकारी के अनुसार दिल्ली के बुरारी विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजीव झा ने उपमंडल सुजानपुर की पंचायत दाड़ला के मटियाल निवासी पूर्णचंद, श्रेष्ठा, ऊषा ठाकुर, संध्या ठाकुर के साथ एक बच्चे को दिल्ली से उनके घर जाने की परमिशन दे डाली जबकि किसी को परमिशन देना या फिर न देना जिला दंडाधिकारी का अधिकार क्षेत्र है।

3 दिनों में गेहूं काटकर वापस दिल्ली पहुंचने की थी अनुमति

उक्त परिवार बीती रात करीब साढ़े 11 बजे गाड़ी (डीएल 1सीएन-8603) में पहुंचा। विधायक द्वारा दी गई परमिशन में साफ  लिखा है कि जिन लोगों को यह परमिशन दी गई है, वे लोग किसान हैं और उन्हें अपने घर जाकर गेहूं फसल की कटाई करनी है तथा 72 घंटे या 3 दिनों में उसी गाड़ी में वापस दिल्ली पहुंच जाएं।

विधायकों की परमिशन मान्य तो अधिकारियों का क्या काम

लोगों में चर्चा है कि यदि विधायक ही परमिशन दे सकते हैं तो फिर प्रशासनिक अधिकारियों का इस लॉकडाऊन में क्या काम है। इससे यह भी पता चलता है कि जिसकी जान-पहचान है, वह कहीं से भी परमिशन बनाकर अपने घर आ सकता है। जिनकी जान-पहचान नहीं है, वे बेचारे अभागे लॉकडाऊन खुलने का इंतजार करें चाहे उसके घर में कोई बीमार ही क्यों न हो या फिर उनके घर में किसी की मृत्यु ही क्यों न हो गई हो।

क्या बोली एसडीएम सुजानपुर

एसडीएम सुजानपुर शिल्पी बेक्टा ने कहा कि दाड़ला के मटियाल गांव में दिल्ली से एक परिवार के 5 सदस्य बीती रात पहुंचे हैं, जिनकी स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जांच की गई है तथा 14 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन रखा गया है। इस दौरान स्वास्थ्य टीम प्रतिदिन उनके स्वास्थ्य का परीक्षण करेगी। 14 दिनों तक एक नोडल अधिकारी भी उनके घर पर नियुक्त किया गया है।

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