नकली करंसी मामला : UP का अंकित निकला मास्टरमाइंड, इस चक्कर में कर डाला अपराध

Edited By Vijay, Updated: 09 May, 2018 11:50 PM

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गोहर थाने में दर्ज नकली करंसी और चरस खरीद मामले में खुलासा हुआ है कि चारों लॉ कालेज के छात्र रोहतक में ओमैक्स के किराए के फ्लैट में एक साथ रहते थे और घूमने के लिए कार न होने पर नकली करंसी के सहारे रातोंरात अमीर बनने का ख्वाब पाल लिया।

मंडी (पुरुषोत्तम): गोहर थाने में दर्ज नकली करंसी और चरस खरीद मामले में खुलासा हुआ है कि चारों लॉ कालेज के छात्र रोहतक में ओमैक्स के किराए के फ्लैट में एक साथ रहते थे और घूमने के लिए कार न होने पर नकली करंसी के सहारे रातोंरात अमीर बनने का ख्वाब पाल लिया। चरस पीने के आदी होने के चलते उन्होंने मलाणा से चरस खरीदकर इसे ऊंचे दामों में बेचकर लग्जरी कार रखने का प्लान बनाया और पहले से ही मलाणा से चरस ले जाने के लिए आते रहे अंकित के दोस्त देवा को इसके लिए माध्यम बनाया। चारों ने मिलकर प्लान बनाया कि अनपढ़ देवा से चरस खरीदी जाए और उसे नकली नोट देकर लाखों रुपए कमाकर कार खरीदी जाए।


अंकित ने दिया चरस से पैसा कमाने का प्लान
इसके लिए सबसे पहले अंकित ने प्लान दिया कि चरस से पैसा कमाया जा सकता है और दिल्ली निवासी परवेश ने कहा कि मेरे घर में मेरे पिता का कलर प्रिंटर है, जिससे उसने कुछ दिन पहले 100 रुपए का नकली नोट निकाला जोकि मार्कीट में चल गया था, उसे ही नकली करंसी निकालने के लिए प्रयोग में लाया जाए। उक्त चारों अंकित, चाणक्य, विक्रांत और परवेश प्रिंटर दिल्ली से अपने किराए के फ्लैट में ले आए और पहली अप्रैल से लेकर 12 अप्रैल तक करीब 6 लाख रुपए के केवल 2 हजार रुपए के नोट छाप डाले। वहीं चरस खरीद के लिए अंकित अपने पिता रामकृष्ण निवासी श्रीनगर उत्तर प्रदेश जो फरीदाबाद में रहते है, उनकी स्विफ्ट कार ले लाया।


कसोल के होटल में ठहरे चारों युवक
इसके बाद अपने पुराने मित्र देवा निवासी मलाणा से पहले से चरस के लिए होती रही बातचीत के आधार पर उसे कैश होने की बात बताकर उक्त चारों 14 अप्रैल को कसोल पहुंच गए और 2 किलोग्राम चरस मंगवाई। जब देवा ने पहले आधा पैसा देने को कहा तो अंकित और चाणक्य उर्फ चिंटू ने उसे पैसे दे दिए, जिन्हें वह पहले होती रही चरस खरीद में जानता था। इसके बाद देर रात देवा चरस लेकर आ गया और बाकी का आधा पैसा लेकर वापस गांव चला गया। इस दौरान परवेश कुंडू नाम का छात्र होटल में ही था जो बीमार हो गया था जबकि 2 छात्र अंकित के साथ मलाणा के नजदीक नरांग गए थे।


रोहतक जाकर बेचनी शुरू कर दी चरस
सुबह के 5 बजे ही चारों छात्र वापस रोहतक के लिए कार से चले गए और रोहतक जाकर चरस बेचना शुरू कर दी। इस बीच देवा और लाल सिंह नकली करंसी के लेन-देन व चरस बेचने के आरोप में पकड़े गए तो चारों आरोपी छात्र कालेज से लापता हो गए। जब 4 मई को 2 छात्र अंकित व चाणक्य उर्फ चिंटू पेपर देने भी एम.डी.यू. विधि कालेज नहीं पहुंचे तो दोस्तों को भी उन पर शक हुआ। उनके मोबाइल भी बंद पाए गए।


देवा की जानकारी से पकड़े गए विक्रांत-परवेश
इस बीच जिस फोन नम्बर से अंकित ने देवा से संपर्क  किया था वह सिम कार्ड विक्रांत के नाम से निकला और पुलिस ने देवा द्वारा दी गई जानकारी केआधार पर रोहतक कालेज तक पहुंच बनाई। पुलिस ने विक्रांत के घर का पता लगाकर उसे उसके दोस्त परवेश के साथ दबोच लिया गया, जिसने पकड़े जाने के बाद गोहर थाने में बताया कि इस धंधे का मास्टरमाइंड अंकित है और वह चरस बेचने का काम पहले से करता है। दोनों के पकड़े जाने के बाद अंकित और चाणक्य फरार हैं और उनके मोबाइल एक सप्ताह से बंद हैं, जिनकी धरपकड़ के लिए मंडी व हरियाणा पुलिस लगी हुई है। एस.पी. गुरदेव चंद ने कहा कि इस केस में जो फरार हैं, उन्हें जल्द पकड़ा जाएगा। 


पुलिस ने कसोल में दी दबिश
नकली करंसी के मामले में बुधवार को मंडी पुलिस की टीम गोहर थाना में गिरफ्तार किए दोनों छात्रों को कुल्लू जिला के कसोल ले गई जहां ये छात्र होटल में 14 अप्रैल को ठहरे थे। पुलिस दोनों आरोपी छात्रों से अब यह उगलवाने जा रही है कि अन्य आरोपी कहां छिपे हैं और नकली नोट छापने का कारखाना कहां लगाया गया था। डी.एस.पी. हितेश लखनपाल ने बताया कि पुलिस जाली करंसी मामले के फरार आरोपियों के बेहद करीब है और जल्द इन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस दोनों छात्रों से यह उगलवाने की कोशिश कर रही है कि उनके 2 अन्य दोस्त चाणक्य शर्मा और अंकित कहां फरार हैं।

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