Edited By Rajneesh Himalian, Updated: 17 Mar, 2021 11:56 AM
प्रदेश सरकार के मैड़ी मेले की रोक को लिए गए निर्णय के बाद प्रदेश में होने वाले मेलों के आयोजनों पर बने संशय के बाद व्यापारियों के माथों पर चिंताओं की लकीरें खिंच गई हैं।
धर्मशाला (तनुज/कर्मपाल): प्रदेश सरकार के मैड़ी मेले की रोक को लिए गए निर्णय के बाद प्रदेश में होने वाले मेलों के आयोजनों पर बने संशय के बाद व्यापारियों के माथों पर चिंताओं की लकीरें खिंच गई हैं। पिछले वर्ष कोरोना काल के चलते घाटा उठाने के बाद इस वर्ष अच्छे कारोबार की आश लगाए बैठे व्यापारी सरकार के इस निर्णय के बाद असमंजस में पड़ गए हैं।
प्रदेश के विभिन्न जिलों में बड़े स्तर पर होने वाले मेलों में स्टॉल लगाने वाले कारोबारी अब सामान खरीदने को लेकर हिमाचल सरकार की 19 मार्च को होने वाली कैबिनेट पर नजर टिकाए हुए हैं। पिछले कुछ दिनों में कोरोना मामलों में बढ़ौतरी व संक्रमित मरीजों की मौत के चलते सरकार प्रदेश में बंदिशों पर भी विचार कर रही है। ऐसे में घाटा झेल रहे मेला व्यापारी फिलहाल कोई भी रिस्क लेने को तैयार नहीं हैं। डी.सी. कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति का कहना है कि मेलों को लेकर सरकार की तरफ से कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। जैसे ही निर्देश सरकार की तरफ से आएंगे उनका पालन सख्ती से करवाया जाएगा।
मेलों में नहीं बरती जा रही सावधानियां
मार्च माह से शुरू हुए मेलों में कोरोना के चलते लापरवाही देखने को मिल रही है। प्रदेश सरकार व मेला आयोजकों द्वारा मेलों में आने वाली जनता से कोविड प्रोटोकोल के अनुसार एहतियात बरतने को लेकर आह्वान किया जा रहा है। बावजूद इसके प्रदेश में लापरवाह हुई जनता नियमों को ठेंगा दिखाते हुए मेलों में शिरकत कर रही है।
कांगड़ा प्रशासन कर रहा निर्देशों का इंतजार
जिला में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों के चलते मेलों के आयोजन पर जिला प्रशासन की नजरें टिकी हुई हैं। मेलों के आयोजन पर फिलहाल किसी प्रकार की गाइडलाइन प्रदेश सरकार द्वारा जिला प्रशासन को जारी नहीं की गई है। इसके चलते ही जिला प्रशासन मेलों के आयोजन पर कोई सख्त निर्णय नहीं ले पा रहा है।