Edited By Vijay, Updated: 19 Feb, 2021 10:03 PM
विश्व प्राचीतम गांव मलाणा में शुक्रवार को फागली उत्सव का आगाज हो गया है। देवता जम्दग्नि ऋषि के सम्मान में आयोजित फागली उत्सव देखने के लिए लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं। फागली उत्सव में अठारह करडू अपने मंदिर से बाहर निकलते हैं। अकबर की सोने की मूर्ति और...
कुल्लू (ब्यूरो): विश्व प्राचीतम गांव मलाणा में शुक्रवार को फागली उत्सव का आगाज हो गया है। देवता जम्दग्नि ऋषि के सम्मान में आयोजित फागली उत्सव देखने के लिए लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं। फागली उत्सव में अठारह करडू अपने मंदिर से बाहर निकलते हैं। अकबर की सोने की मूर्ति और चांदी के हिरण को भी बाहर निकाल कर इनकी पूजा की जाती है। कहा जाता है कि राजा अकबर ने देवता जम्दग्नि ऋषि को आज के दिन सोने-चांदी की वस्तुएं भेंट की थी, इसे लेकर ही फागली का आयोजन किया जाता है। 5 दिनों तक चलने वाली पारंपरिक मलाणा फागली का समापन 23 फरवरी को होगा।
देवता जम्दग्नि ऋषि के कारदार ब्रेसतू राम कहते हैं कि प्राचीन समय में 2 साधु भीक्षा मांगकर घूमते-घूमते दिल्ली से मलाणा पहुंचे। इसके बाद इन साधुओं को सम्राट अकबर ने दिल्ली में पकड़ कर उनसे उनकी झोली में पड़ी सारी दक्षिणा ले ली। इसके बाद जम्दग्नि ऋषि ने अकबर के स्वप्न में आकर ये वस्तुएं लौटाने को कहा। अकबर ने फिर सैनिकों के हाथ अपनी ही सोने की मूर्ति बनाकर बतौर दक्षिणा वापस भेजी। इस मूर्ति की तब से मलाणा में पूजा होती है।
उन्होंने बताया कि जम्दग्नि ऋषि और अकबर के वचन के आधार पर सभी हिंदुओं को यहां परंपरा का विधिवत निर्वहन करना पड़ता है। इस दौरान फागली के पहले दिन गांव की महिलाओं ने जम्दग्नि ऋषि की धर्मपत्नी रेणुका के दरबार में नृत्य कर रस्म निभाई। उन्होंने कहा कि फागली में मलाणा क्षेत्र ढोल-नगाड़ों व नरसिंगों की स्वरलहरियों की धुन से देवमयी हो उठी है।