शून्य तापमान में मनाया फागली उत्सव, हजारों लोगों ने लिया भाग

Edited By Punjab Kesari, Updated: 14 Feb, 2018 10:48 AM

faagli festival celebrated in zero temperature

देवता के गुर रूप सिंह व देवता के काहयत सेवक राम का कहना है कि जब विष्णु नारायण पर कालियां भारी पड़ी थीं तो उस समय कालियों को भगाने के लिए अश्लील तंजों पर विष्णु नारायण के विराट रूपों में खेल खेला था ताकि कालियों को भगा सकें और उसी समय से यह उत्सव...

मंडी: देवता के गुर रूप सिंह व देवता के काहयत सेवक राम का कहना है कि जब विष्णु नारायण पर कालियां भारी पड़ी थीं तो उस समय कालियों को भगाने के लिए अश्लील तंजों पर विष्णु नारायण के विराट रूपों में खेल खेला था ताकि कालियों को भगा सकें और उसी समय से यह उत्सव मनाया जाता है। आज भी क्षेत्र में कोई गंभीर समस्या, गंभीर बीमारी या आपदा जैसी स्थिति आती है तो इस प्रकार से क्षेत्र की हर प्रकार की आपदा की स्थिति दूर हो जाती है। इस अवसर पर क्षेत्र के हजारों लोगों ने फागली उत्सव में भाग लिया। 


देवता को खुश करने के लिए मनाया जाता है उत्सव
देवता के कारदार विक्रम राम का कहना है कि यह उत्सव देवता विष्णु नारायण के लिए मनाया जाता है और इस बार फागली उत्सव 8 वर्ष के बाद मनाया गया। विक्रम राम ने बताया कि देवता विष्णु नारायण की देव प्रक्रिया सोमवार को शुरू हो गई थी। फागली उत्सव देवता के मंदिर से शुरू हुआ और थनोड़ी गांव में समाप्त हो जाएगा। बताते चलें कि इस उत्सव को देवता विष्णु नारायण को खुश करने के लिए मनाया जाता है। 


यह भी रोचक बात
स्थानीय गुरों व कार-कारिंदों तथा अन्य लोगों के अनुसार उत्सव 10 या 8 साल के बाद अवश्य मनाया जाता है और यदि किसी कारणवश इस उत्सव को नहीं मनाया गया तो क्षेत्र कई प्रकार की आपदाओं से घिर जाता है। 


देवता के मुख्य गुर का होता है अलग मुखौटा
फागली उत्सव में देवता के मुख्य गुर का अलग से मुखौटा होता है जबकि अन्य कार-कारिंदों ने भी अन्य प्रकार के मुखौटे पहने होते हैं तथा नाच-गाने आकर्षण का केंद्र रहता है। इस अवसर पर कई प्रकार  के अश्लील नाच भी होते हैं, वहीं हजारों लोगों के बीच में अश्लील तंज भी कसे जाते हैं और यह सब भूतों-प्रेत आत्माओं को भगाने के लिया किया जाता है।


8 से 10 वर्ष बाद मनाया जाता है फागली उत्सव, हजारों लोगों के बीच में कसे जाते हैं अश्लील तंज 
तहसील मुख्यालय बालीचौकी की घाट पंचायत में शून्य तापमान में भी देव शक्ति का प्रदर्शन कर फागली उत्सव धूमधाम से मनाया गया। हालांकि क्षेत्र के कुछ लोग माघ महीने में फागली उत्सव मनाते हैं जबकि कुछ लोग फाल्गुन महीने में 8-10 साल के बाद मनाते हैं। फागली उत्सव में देव शक्ति का उस समय चमत्कार हुआ जब देवता के गुरों व कारिंदों ने शून्य तापमान में देवता की परिक्रमा को पूरा किया। स्थानीय लोगों के अलावा बाहरी क्षेत्रों से आए लोगों ने भी फागली उत्सव का एक फुट बर्फ  में भरपूर आनंद लिया। स्थानीय लोगों ललित कुमार, ईशु, श्याम लाल, निक्के राम, लक्ष्मी चंद, नोक सिंह, कीरत सिंह, टोडमल, सोमनाथ, राम सिंह, श्याम सिंह, आरजु देवी व चेत्री देवी आदि का कहना है कि यह फागली उत्सव 8 या 10 साल बाद मनाया जा रहा है। उनका कहना था कि एक फुट बर्फ  होने के बाद भी हजारों लोगों ने भरपूर आनंद लिया। 

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