Edited By Punjab Kesari, Updated: 22 Sep, 2017 08:07 PM
स्वास्थ्य विभाग के स्क्रब टाइफस को लेकर पुख्ता प्रबंध के दावों की पोल खुलती जा रही है। स्क्रब टाइफस का कहर बढ़ता ही जा रहा है।
शिमला: स्वास्थ्य विभाग के स्क्रब टाइफस को लेकर पुख्ता प्रबंध के दावों की पोल खुलती जा रही है। स्क्रब टाइफस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। आई.जी.एम.सी. में स्क्रब टाइफस से वीरवार को 19 वर्षीय गर्भवती महिला की मौत के बाद शुक्रवार को कोटखाई के 48 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। यह व्यक्ति बीते 19 सितम्बर को गंभीर हालत में अस्पताल आया था। चिकित्सकों ने उसे आई.सी.यू. में दाखिल किया था। आई.जी.एम.सी. के एम.एस. डा. रमेश चंद ने व्यक्ति की मौत की पुष्टि की है। आई.जी.एम.सी. में इस रोग से मरने वालों की संख्या 16 पहुंच चुकी है जबकि 360 के लगभग मामले पॉजीटिव आए हैं।
स्क्रब टाइफस के अधिकतर मरीज अप्पर शिमला से
स्क्रब टाइफस के अधिकतर मरीज अप्पर शिमला से पहुंच रहे हैं। रोहड़ू व रामपुर क्षेत्र से ही आई.जी.एम.सी. में 70 फीसदी मामले हैं। इसके अलावा रामपुर और रोहड़ू अस्पतालों में भी इसके कई मामले पॉजीटिव हंै। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया था कि इस वर्ष विभाग पहले ही इसके लिए अलर्ट हो चुका है। मगर बावजूद इसके स्क्रब टाइफ स के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले वर्ष 2016 की अगर बात की जाए तो प्रदेश के अस्पतालों में 37 मौतें स्क्रब टाइफस से हुई हैं।
स्क्रब टाइफस के लक्षण
स्क्रब टाइफस होने पर मरीज को तेज बुखार जो 104 से 105 तक जा सकता है, जोड़ों में दर्द और कंपकंपी के साथ बुखार, शरीर में ऐंठन या शरीर का टूटा हुआ लगना तथा अधिक संक्रमण में गर्दन, बाजू व कूल्हों के नीचे गिल्टियां हो जाती हैं।
बचने के उपाय
सफाई का विशेष ध्यान रखें। घर व आसपास के वातावरण को साफ रखें। घर व आसपास कीटनाशक दवा का छिड़काव करें। मरीजों को डॉक्सीसाइक्लन और एजिथ्रोमाइसिन दवा दी जाती है। स्क्रब टाइफस शुरूआत में आम बुखार की तरह होता है लेकिन यह सीधे किडनी और लीवर पर अटैक करता है। यही कारण है कि मरीजों की मौत हो जाती है।