Edited By Vijay, Updated: 15 Jan, 2020 08:35 PM
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र सरकार की चुप्पी पर हैरानी व्यक्त की है। उन्होंने जारी बयान में कहा कि शिक्षण संस्थानों पर पुलिस की बर्बरता से साफ है कि वह देश के युवाओं में उनकी सरकार...
शिमला (ब्यूरो): पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र सरकार की चुप्पी पर हैरानी व्यक्त की है। उन्होंने जारी बयान में कहा कि शिक्षण संस्थानों पर पुलिस की बर्बरता से साफ है कि वह देश के युवाओं में उनकी सरकार के प्रति बढ़ते रोष को कुचलना चाहती है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में इस प्रकार दमन की नीति भारत के लोकतंत्र के लिए घातक सिद्ध होगी। उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यसमिति द्वारा पारित प्रस्ताव के समर्थन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कांग्रेस के सवालों का जवाब देना ही होगा।
देश की आवाज को नहीं दबा सकती केंद्र सरकार
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश की आवाज को नहीं दबा सकती है। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून हो या एनआरसी, ये दोनों ही कानून जल्दबाजी में देश के लोगों को बांटने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि देश के लोगों का विश्वास इस सरकार से उठ चुका है। जेएनयू हो या जामिया मिलिया विश्वविद्यालय, इन दोनों पर पुलिस की कार्रवाई शिक्षण संस्थाओं की स्वायत्तता के अधिकार का हनन है। इन दोनों विश्वविद्यालय को भाजपा राजनीतिक अखाड़ा बनाने की कोशिश कर रही है, जिससे इनका राजनीतिक एजैंडा पूरा हो सके।
देशवासियों के अधिकारों के लिए लड़ेगी कांग्रेस
उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश के लोगों विशेषकर अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए लड़ेगी। उन्होंने कहा कि देश में किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा, कांग्रेस सब लोगों के साथ खड़ी है। भाजपा की दमनकारी नीतियों का कांग्रेस एकजुटता के साथ मुकाबला करेगी।