Edited By Punjab Kesari, Updated: 22 Nov, 2017 12:35 AM
ऊना जिला में हर माह लगभग 3 करोड़ रुपए का सट्टा लगता है और हर दिन लगभग 10 लाख रुपए का।
ऊना: ऊना जिला में हर माह लगभग 3 करोड़ रुपए का सट्टा लगता है और हर दिन लगभग 10 लाख रुपए का। यह खुलासा पुलिस द्वारा सट्टेे के खिलाफ छेड़े अभियान के दौरान हुआ है। पुलिस की पकड़ में आए सटोरियों ने पुलिस पूछताछ में इस भारी-भरकम रकम के लगाए जा रहे सट्टे का खुलासा किया है। इस रकम को दिल्ली पहुंचाने के लिए पड़ोसी राज्यों के सटोरियों के साथ संपर्क किया जाता है और कुछ स्पैशल लोग इस रकम को दिल्ली पहुंचाने का काम करते हैं। सटोरियों से भारी मात्रा में सट्टा पर्चियां पकड़ी जा चुकी हैं और कुछ ऐसे कागज भी हैं जिन पर सट्टेे के कारोबार का लेखा-जोखा लिखा हुआ है।
खाते की डिटेल निकालने में जुटी पुलिस
पहले बैंकिंग के माध्यम से उक्त रकम दिल्ली पहुंचाई जाती थी जिसका खाता नंबर पुलिस ने पता कर लिया है और अब पुलिस उक्त खाते ही डिटेल निकलवाने में जुटी हुई है। इस बैंक खाते की डिटेल आने के बाद इस मामले में बड़ी कार्रवाई को भी अमल में लाया जा सकता है जबकि कुछ अन्य जांच एजैंसियों के पास भी इस भारी-भरकम राशि के आदान-प्रदान से जुड़े मामले को भेजा जा सकता है।
नियम व कायदों के फेर में फंसी पुलिस
सट्टे के कारोबार को लेकर जहां पुलिस मशक्कत कर रही है, वहीं नियम व कायदों के फेर के चलते पुलिस इस मामले में तेजी से कार्रवाई नहीं कर पा रही है। सट्टा पचिंयों और रुपए के साथ पकड़े जाने वाले सटोरियों को पुलिस रिमांड कस्टडी पर लेकर पूछताछ नहीं कर सकती, ऐसे में इस मामले की जांच धीमी गति से बढ़ रही है। सटोरियों से प्रारंभिक पूछताछ में उगले जा रहे इस काले कारोबार के तथ्यों के सहारे पुलिस धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है।
सटोरियों की पकड़ को पुलिस कर रही जांच
जिला में सट्टे के कारोबार में जहां जिला के ऊना, मैहतपुर और संतोषगढ़ क्षेत्र के कुछ सटोरियों का नाम पुलिस की लिस्ट में अव्वल दर्जे में शुमार है, वहीं पड़ोसी राज्य पंजाब के शहर नंगल के कुछ सटोरियों की ऊना में पकड़ को लेकर भी पुलिस जांच-पड़ताल कर रही है। जिला भर से 3 करोड़ जैसी बड़ी रकम को जिला से बाहर पहुंचाने के रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए पुलिस दिन-रात एक कर रही है।
अमीर बनने के चक्कर में गंवा रहे जमा पूंजी
गौरतलब है कि जिला भर में सट्टे का कारोबार कई वर्षों से निरंतर चल रहा है और मध्यम वर्गीय एवं गरीब परिवारों से संबंधित लोग तो सट्टे के सहारे रातोंरात अमीर बनने के चक्कर में अपनी जमापूंजी को विभिन्न अंकों पर रोज लगाते हैं लेकिन कई संभ्रांत परिवारों के लोगों को भी सट्टा लगाने का चस्का है। रोज लाखों रुपए का सट्टा लगाया जाता है और अंक आने पर 80 गुना रकम पाने की चाहत में जिला के लोग हर माह 3 करोड़ रुपए गंवा रहे हैं।
क्या कहते हैं एस.पी. ऊना
एस.पी. ऊना संजीव गांधी ने बताया कि हर माह लगभग 3 करोड़ रुपए के सट्टेे का कारोबार जिला में होता है। ऐसा पुलिस की छानबीन में सामने आया है। रुपए के ट्रांजैक्शन के रैकेट को भेदने में पुलिस लगी है और खातों को भी खंगालने की मुहिम चल रही है। कुछ नियमों के चलते समस्या आ रही है लेकिन आने वाले समय में इस रैकेट का पर्दाफाश किया जाएगा और सट्टा बंद करवाने की पूरी कोशिश की जाएगी।