Edited By Vijay, Updated: 08 Jun, 2019 06:09 PM
आजादी के 72 वर्षों के बाद भी ग्रामीण मूलभूत बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जीवन यापन कर रहे हैं। स्वास्थ्य सेवा और भाग्य रेखा कही जाने वाली सड़क सुविधा से आज भी लोग वंचित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि 2 दशकों से अधिक समय में 2 पार्टियों के नेताओं ने...
कुल्लू (दिलीप): आजादी के 72 वर्षों के बाद भी ग्रामीण मूलभूत बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जीवन यापन कर रहे हैं। स्वास्थ्य सेवा और भाग्य रेखा कही जाने वाली सड़क सुविधा से आज भी लोग वंचित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि 2 दशकों से अधिक समय में 2 पार्टियों के नेताओं ने उनकी समस्याओं पर गौर नहीं किया है। यह कहना है 2 गांव के ग्रामीणों का। ये गांव मनाली विधानसभा क्षेत्र के तहत आते हैं। जिला कुल्लू की मनाली विधानसभा के अंतर्गत आने वाली बस्तौरी पंचायत के खलाड़ा व सरली गांव के लोगों का आरोप है कि सड़क न होने की वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मरीजों को पीठ पर उठाकर 6 किलोमीटर चलना पड़ता है पैदल
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी दिक्कत मरीजों को अस्पताल ले जाने के समय होती है। मरीजों को पीठ पर उठाकर 6 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सड़क सुविधा न होने के कारण कई लोग तो अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं फलों व सब्जी के सीजन के दौरान गांव कीमहिलाएं व युवकों को अपनी पीठ पर बोझा उठाकर 6 किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करना पड़ता है। ग्रामीण संजीव, मोहन, दुनीचंद, मेहर चंद, बलदेव ने बताया कि गांव में डिस्पैंसरी न होने के कारण बीमार होने पर कुल्लू अस्पताल आना पड़ता है। वहीं गांव तक पहुंचने के लिए रास्ते में नालों पर कोई पुली नहीं है।
कुल्लू से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं गांव
उन्होंने कहा कि नालों पर काम चलाऊ पुली बनाई जाती है जो बरसात के दिनों में पानी के तेज बहाव में बह जाती है, जिसकी वजह से गांव तक राशन पहुंचाने में बहुत दिक्कत होती है। उन्होंने कहा कि पंचायत के चुने हुए नुमाइंदे भी गांव तक सड़क निर्माण में कोई रुचि नहीं दिखाते हैं। उनका कहना है कि जिला कुल्लू मुख्यालय से मात्र 6 किलोमीटर की दूरी पर यह 2 गांव पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि चुने हुए नेता भी एक बार भी उनके गांव में आना उचित नहीं समझते और 5 साल के कार्यकाल में उनके गांव में कोई काम नहीं करवाया है। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि उनके गांव को सड़क सुविधा से जोड़ा जाए व गांव में डिस्पैंसरी का निर्माण करवाया जाए ताकि ग्रामीणों को आ रही दिक्कतों से निजात मिले।
मंत्री के गृह क्षेत्र में ग्रामीणों को समस्या
बता दें कि ये सभी ग्रामीण हिमाचल सरकार में मंत्री गोविंद सरकार की विधानसभा के हैं, ऐसे में 2 गांव के ग्रामीण प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यूं तो सरकार के मंत्री मंच से कई तरह की घोषणाएं करते हैं लेकिन उसे हकीकत का जामा नहीं पहनाते, ऐसे में उनका सरकार से मोहभंग हो गया है। उन्होंने कहा कि चुनावों के समय उनसे हर बार वोट ऐंठे जाते हैं। हर बार उनकी समस्या तो दूर करने की बात की जाती है लेकिन बाद में उनके साथ छलावा हो जाता है। विकास की बड़ी-बड़ी बातें कहने का इन्हें कोई अधिकार नहीं है। सभी ग्रामीणों ने एक मत में कहा कि कोई भी राजनीतिक पार्टी यदि उनकी समस्या पर ध्यान नहीं देगी तो वे एकजुट होकर सड़क पर उतरने को मजूबर होंगे।
क्या बोले परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर
वन, परिवहन एंव खेल मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि खलाड़ा से सरली सड़क की डी.पी.आर. बनाकर नाबार्ड को भेज दी हैं। जैसे ही इसकी अपू्रवल आती है तो तुरंत लोगों की सुविधा के लिए सड़क कार्य तेज गति से किया जाएगा।