आजादी के 72 साल बाद भी नहीं इस गांव के नसीब में भाग्य रेखा, लोगों की कठिन है दिनचर्या(Video)

Edited By Ekta, Updated: 14 Jul, 2019 02:57 PM

आजादी के बाद एक वर्ष में यदि 10 मीटर भी सड़क मार्ग बना होता तो चटठ बस्ती के लोग आज सड़क मार्ग से जुड़े होते। यदि कोई बीमार हो जाए तो उसे सड़क मार्ग तक लाने के लिए जो तरीका अपनाया जाता है वह सदियों पहले की याद अवश्य दिला देता है। मामला जयसिंहपुर...

पालमपुर (भृगु): आजादी के बाद एक वर्ष में यदि 10 मीटर भी सड़क मार्ग बना होता तो चटठ बस्ती के लोग आज सड़क मार्ग से जुड़े होते। यदि कोई बीमार हो जाए तो उसे सड़क मार्ग तक लाने के लिए जो तरीका अपनाया जाता है वह सदियों पहले की याद अवश्य दिला देता है। मामला जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सुभाषनगर मल्ली आशापुरी के मध्य बसी चटठ बस्ती का है। लोग लंबे समय से सड़क मार्ग की मांग उठाते आ रहे हैं। परंतु सरकारेें आईं तथा चली गईं परंतु बस्ती को सड़क मार्ग से जोड़ने की कवायद पूरी नहीं हो पाई। आजादी के 72 वर्ष बाद भी 720 मीटर सड़क नहीं बन पाई। 
PunjabKesari

कठिन है दिनचर्या

चटठ बस्ती के लोगों को मुख्य मार्ग तक पहुंचने के लिए पैदल ही आना पड़ता है। बस्ती से मुख्य सड़क के लिए खड़ी चढ़ाई है। यदि कोई बीमार पड़ जाता है तो उस चारपाई पर रखकर ही मुख्य मार्ग तक लाया जाता है ताकि आगे वाहन से उसे स्वास्थ्य संस्थान तक ले जाया जा सके। विवाह-शादियों के मौके पर भी लोगों को इसी तरह की परेशानी से दो-चार होना पड़ता है। बस्ती को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए वैकल्पिक योजना भी तैयार की गई इसके लिए बस्ती के नीचे की ओर से होकर सड़क मार्ग बनाने की चर्चा बस्ती के लोगों से की गई परंतु बस्ती के लोग ऊपर की ओर से ही सड़क बनाने की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि ऊपर से लगभग 1 किलोमीटर बाद ही मुख्य सड़क से बस्ती जुड़ जाएगी जबकि यदि नीचे से सड़क बनती है तो लगभग 5 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ेगा।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!