Mini Switzerland में वाहनों के प्रवेश पर लग सकती है रोक, जानिए क्या है वजह

Edited By Vijay, Updated: 21 Jun, 2018 08:56 PM

entry of vehicles in mini switzerland can be stop

मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से विश्व विख्यात वाइल्ड लाइन सैंक्चुरी क्षेत्र खजियार में रोहतांग की तर्ज पर वाहनों के प्रवेश करने की संख्या को जल्द ही निर्धारित करने के लिए जिला प्रशासन को विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

चम्बा: मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से विश्व विख्यात वाइल्ड लाइन सैंक्चुरी क्षेत्र खजियार में रोहतांग की तर्ज पर वाहनों के प्रवेश करने की संख्या को जल्द ही निर्धारित करने के लिए जिला प्रशासन को विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। ऐसा नहीं किया गया तो इसमें काई दोराय नहीं है कि कुछ वर्षों के दौरान यह वन्य प्राणी अभ्यारण्य स्थल महज सरकारी कागजों तक की सीमित होकर रह जाएगा। इसकी वजह यह है कि इस वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी में हर वर्ष खजियार की खूबसूरती को देखने के लिए आने वाले लोगों की तादाद में भारी इजाफा हो रहा है।


पर्यटकों को पार्किंग की समस्या कर रही परेशान
इस वजह से न सिर्फ इस वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी क्षेत्र की शांति में खलल पड़ रहा है बल्कि खजियार में अब पार्किंग की समस्या भी यहां आने वाले पर्यटकों को परेशान करने लगी है, ऐसे में समय आ गया है कि सरकार, जिला प्रशासन व वन्य प्राणी विभाग को इस विषय पर सोचना होगा कि खजियार में आने वाले वाहनों की संख्या पर कैसे रोक लगाई जाएगी। जिला प्रशासन के समक्ष एन.जी.टी. द्वारा रोहतांग के विषय जारी आदेश मौजूद हैं, जिसके चलते अब रोहतांग के वजूद के बचने की उम्मीद जगी है। ऐसा न हो कि वन्य विभाग अपनी कमाई के चक्कर में अपने वन्य प्राणियों को ही भूल जाए।


हर वर्ष वाहनों के आने से होती लाखों रुपए की कमाई
गौरतलब है खजियार से हर वर्ष वन्य प्राणी विंग को लाखों रुपए की कमाई वाहनों के आने के रूप में होती है। इस बार करीब 45 लाख रुपए की कमाई इससे हुई है। विभाग ने अगर अपनी कमाई को ही ध्यान में रखा तो न सिर्फ यातायात की समस्या दिन व दिन विकराल रूप धारण कर लेगी बल्कि वन्य प्राणियों को अपने ही घर में सुरक्षित रहना संभव नहीं होगा। लोगों का कहना है कि समय रहते खजियार में भी प्रवेश करने वाले वाहनों की संख्या को निर्धारित करना होगा।


जब डी.सी. फंसे थे जाम में
खजियार में वाहनों के प्रवेश की संख्या को लेकर डी.सी. चम्बा को बीते रविवार उस समय बेहतर ढंग से आभास हो गया जब उनका वाहन काफी देर तक यातायात जाम में फंसा रहा। इसी अनुभव के चलते डी.सी. चम्बा ने सोमवार को साप्ताहिक मंडे बैठक में इस पर कड़ा रुख दिखाया था। इसी के चलते पिछले 2 दिनों से पुलिस ने वहां की यातायात व्यवस्था में सुधार लाने के लिए कड़ी मशक्कत की है तो वन्य प्राणी विभाग भी खजियार में सक्रिय नजर आ रहा है।


खजियार में अधिक संख्या में आते हैं वाहन
वाइल्ड लाइफ मंडल चम्बा के डी.एफ.ओ. निशांत मंडोत्रा ने बताया कि खजियार में जितने वाहन आते हैं, उतने वाहनों को खड़ा करने की व्यवस्था मौजूद नहीं है तो साथ ही उन्हें खड़ा करने की व्यवस्था को अंजाम भी नहीं दिया जा सकता है क्योंकि खजियार वन्य प्राणी संरक्षण अभ्यारण्य स्थल है। इतना जरूर है कि इस क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश को कैसे निर्धारित किया जाए, इस पर प्रशासन के साथ बैठक कर विचार किया जा रहा है। आने वाले दिनों में इस दिशा में प्रभावी कदम उठाए जा सकते हैं। इसमें कोई दोराय नहीं है कि खजियार वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी में हर वर्ष वाहनों के आने की संख्या में इजाफा दर्ज हो रहा है।


अगले वर्ष उठाए जा सकते हैं प्रभावी कदम
डी.सी. चम्बा हरिकेश मीणा ने बताया कि प्रशासन इस मामले पर विचार कर रहा है कि खजियार में लोगों की आवाजाही को वहां की क्षमता के अनुसार निर्धारित किया जाए। अगले वर्ष इस दिशा में प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।

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