आपातकाल में फंसी आपातकालीन सेवा, मरीज-तीमारदार परेशान

Edited By Vijay, Updated: 24 Aug, 2018 05:36 PM

emergency services stuck in emergency patient in trouble

तेल न मिलेने के कारण जिला सिरमौर में आपातकालीन सेवा 108 एम्बुलैंस के पहिए थम गए हैं। जिला के नाहन, कालाअंब, माजरा, पांवटा, शिलाई व सतोन में 108 एम्बुलैंस तेल न होने की वजह से रुक गई हैं....

पांवटा साहिब (रोबिन): तेल न मिलेने के कारण जिला सिरमौर में आपातकालीन सेवा 108 एम्बुलैंस के पहिए थम गए हैं। जिला के नाहन, कालाअंब, माजरा, पांवटा, शिलाई व सतोन में 108 एम्बुलैंस तेल न होने की वजह से रुक गई हैं, जिसके चलते मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में समस्याएं पेश आ रही हैं। जिला में यह हाल पिछले 4 दिनों से बने हुए हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि जिला प्रशासन व 108 को संचालित करने वाली जी.वी.के. कंपनी ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाए हैं।
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तीमारदार खुद बीमार तो बीमार के हाल क्या होंगे
तीमारदार खुद बीमार पड़ जाए तो बीमार के हाल क्या होंगे, यह सोच कर भी माथे पर चिंता की लकीरें उभर आती हैं लेकिन प्रदेश सरकार व जी.वी.के. को शायद इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि दुर्घटना के शिकार व बीमारों की पहली तीमारदार जीवनदायिनी 108 की सांसें थम गई हैं और पहिए रुक गए हैं। आपातकालीन सेवा देने वाली 108 खुद आपातकाल में फंस गई है। आपातकाल भी ऐसा कि किसी की भी जान सांसत में फंस जाए।
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कंगाली के चलते जाम हुए 108 के पहिए
दरअसल प्रदेश में सबसे बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने वाली जीवनदायिनी 108 एंबुलैंस के पहिए कंगाली के चलते जाम हो गए हैं। जिला मुख्यालय नाहन की दोनों गाडिय़ों के बाद अब कालाअंब और माजरा में भी बिना तेल के 108 एम्बुलैंस सुबह से खड़ी हंै। दरअसल जिला भर के पैट्रोल पम्पों में 108 का तेल का उधार नहीं चुकाया गया है, जिसके चलते अब पैट्रोल पम्प वालों ने 108 में उधारी में तेल भरने से मना कर दिया है।

8 लाख की है उधारी
सूत्रों से जानकारी मिली है कि 108 में तेल की उधारी लगभग 8 लाख है। फिलहाल जिला के नाहन, कालाअंब और माजरा में 108 खड़ी हुई हैं लेकिन हालात ऐसे ही रहे तो जिला की अन्य  108 एम्बुलैंस भी तेल के बिना कभी भी खड़ी हो सकती हैं। बिना तेल के 108 कैसे चलेगी और तेल का बकाया कब चुकाया जाएगा इस संबंध में 108 मैनेजमेंट ने अभी तक कोई जबाब नही दिया है। दूसरी ओर जिला प्रशासन भी शांत बैठा है और जिम्मेदार विभाग मौन हो गया है।

3 माह से नहीं चुकाया पैट्रोल पम्पों का बकाया
बता दें कि पिछले 3 माह से प्रबन्धकों ने पैट्रोल पम्पों का बकाया नहीं चुकाया है। मामला बेहद गंभीर है, लिहाजा इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि इस कुव्यवस्था के लिए आखिर जिम्मेदार कौन है। सिस्टम सोया हुआ है और 108 के हालात बिगड़ते जा रहे हैं, ऐसे में मरीजों पर क्या गुजर रही है। इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

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