हिमाचल में सस्ती दरों पर मिलती रहेगी बिजली

Edited By Vijay, Updated: 05 May, 2018 11:35 PM

electricity will be gets cheaper in himachal

सूबे के विद्युत उपभोक्ताओं को पहले की तरह सस्ती दरों पर बिजली मिलती रहेगी। हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने शनिवार को विद्युत दरों का नया टैरिफ जारी किया है।

शिमला: सूबे के विद्युत उपभोक्ताओं को पहले की तरह सस्ती दरों पर बिजली मिलती रहेगी। हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने शनिवार को विद्युत दरों का नया टैरिफ जारी किया है। इसमें घरेलू उपभोक्ताओं, कृषि प्रयोग और छोटे उद्योगों के विद्युत दाम में कोई बढ़ौतरी नहीं की गई जबकि बड़े उद्योगों और व्यावसायिक इस्तेमाल की विद्युत दरों में 5 से 15 पैसे तक प्रति यूनिट की बढ़ौतरी की गई है। नया टैरिफ बीते एक अप्रैल से लागू होगा। विद्युत बोर्ड ने अपने घाटे को कम करने केलिए नियामक आयोग से 25 फीसदी तक दाम बढ़ाने का आग्रह किया था। बोर्ड के आग्रह पर आयोग ने 10 से 45 पैसे प्रति यूनिट विद्युत दरें बढ़ाईं लेकिन बढ़ी हुई इन दरों का उपभोक्ताओं पर असर नहीं पड़ेगा क्योंकि सरकार ने अपने बजट भाषण में 475 करोड़ रुपए की सबसिडी का ऐलान कर रखा है।


व्यावसायिक दरों में 2.5 फीसदी का इजाफा
नए टैरिफ में पेयजल की पंपिंग में खर्च होने वाली बिजली की दरों में 3 फीसदी, इंडस्ट्रीयल पावर सप्लाई तथा गैर-घरेलू व गैर व्यावसायिक श्रेणी के उपभोक्ताओं की दरों में 15 फीसदी और व्यावसायिक दरों में 2.5 फीसदी का इजाफा किया गया है। उद्योगों को मिलने वाली बल्क सप्लाई में एनर्जी चार्ज को नहीं बढ़ाया है। रात के वक्त बिजली की खपत पर उद्योगों को मिलने वाली रियायती दरों को बढ़ा दिया है। आई.एच.टी. तथा एच.टी.-2 श्रेणी के उद्योगों को जून से अगस्त तक प्रति किलो वाट 40 पैसे की बजाय 60 पैसे रात्रि के वक्त बिजली खर्च करने पर अतिरिक्त देना होगा। साल के बाकी महीनों में यह दर 20 पैसे प्रति किलो वाट की बजाय 40 पैसे होगी। उद्योगों को पीक टाइम बिजली की खपत दरों को साढ़े 7 पैसे प्रति किलो वाट की दर से बढ़ाया गया है। घरेलू व कृषि क्षेत्र के उपभोक्ताओं को हर महीने 10 रुपए फिक्स चार्ज के एवज में बोर्ड को चुकाना होगा।


विद्युत बोर्ड को 41.92 करोड़ रुपए की राशि मंजूर
विद्युत बोर्ड ने साल 2018-19 में अनुमानित आमदनी 5396 करोड़ रुपए तथा खर्च 5389.26 करोड़ रुपए बताई है। विद्युत दरें बढ़ाने की याचिका में बोर्ड ने वर्ष 2018-19 में 6954.71 करोड़ रुपए के राजस्व की जरूरत बताई है। इस राशि में साल 2016 के 365 करोड़ रुपए तथा साल 2017 में 252 करोड़ रुपए का घाटा भी शामिल बताया है। आयोग ने साल 2016 की आमदनी व खर्चों के अंतर की एवज में मांगी गई 365.47 करोड़ रुपए की राशि के स्थान पर बोर्ड को इस साल 41.92 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की है जबकिसाल 2017 में बोर्ड की आमदनी व खर्चों के अंतर को मंजूर नहीं किया। आयोग ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद बिजली बोर्ड के खजाने पर पडऩे वाले 672.18 करोड़ रुपए के खर्च की कुल मांग को ध्यान में रखते हुए 200 करोड़ रुपए की राशि के प्रावधानों को मंजूरी प्रदान की है।


उद्योगों को एनर्जी चार्ज पर 10 फीसदी छूट
वर्तमान में चल रहे उद्योगों को राहत देते हुए आयोग ने बिजली बोर्ड के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए बीते साल के मुकाबले अधिक बिजली खर्च करने पर एनर्जी चार्ज पर 10 फीसदी छूट देने का ऐलान किया है। प्रदेश में स्थापित होने वाले नए उद्योगों को भी आयोग ने उन्हें बीते एक अप्रैल से एनर्जी चार्ज में 10 फीसदी छूट देने का निर्णय लिया।

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