चुनावी रंगत से फूल बाजार में बढ़ी रौनक, विक्रेताओं के खिले चेहरे (Video)

Edited By Ekta, Updated: 24 Apr, 2019 02:37 PM

लोकसभा चुनावों के प्रचार प्रसार में आ रही तेजी की वजह से फूलों का मुरझाया हुआ बाजार एकदम से खिल उठा है। कुछ दिन पहले जहां इस बाज़ार से जो रौनक गायब थी वो फिर से वापिस आ गई है। हर राजनीतिक दल में फूलों की बढ़ती मांग से फूल विक्रेताओं के चेहरे भी फूलों...

ऊना (अमित): लोकसभा चुनावों के प्रचार प्रसार में आ रही तेजी की वजह से फूलों का मुरझाया हुआ बाजार एकदम से खिल उठा है। कुछ दिन पहले जहां इस बाज़ार से जो रौनक गायब थी वो फिर से वापिस आ गई है। हर राजनीतिक दल में फूलों की बढ़ती मांग से फूल विक्रेताओं के चेहरे भी फूलों की तरह खिल उठे हैं।
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जगजाहिर है कि हर राजनीतिक दल में जनसभा या रैलियों के दौरान अनेकों नेताओं के सम्मान के लिए फूल-मालाओं का जमकर प्रयोग किया जाता है। यही नहीं निजी मुलाकातों और छोटी-छोटी नुक्कड़ सभाओं में भी कुछ यही प्रचलन है। जिसके कारण अपने-अपने नेताओं के प्रति सम्मान का प्रदर्शन करने के लिए फूलों की खरीदारी भी दिल खोलकर होती है। 
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ऊना में भी कुछ ऐसा ही माहौल है, फूलों की बिक्री बढ़ने से फूल-विक्रेताओं के चेहरों पर भी फूलों जैसी खिलखिलाहट देखी जा सकती है। जो फूलों की माला कुछ दिन पहले तक मात्र दस रुपए में बिक रही थी अब उसकी कीमत बढ़कर 25 से 30 रुपए तक पहुंच चुकी है। यही वजह है कि फूल विक्रेता पहले से अधिक कमाई होने से खुश नज़र आ रहे हैं। लेकिन फूलों की बढ़ी कीमतों के कारण आम जनता को ज़रूर परेशानी हो रही है। एक तरफ जहां आम जनमानस को पूजा-पाठ और अन्य ज़रूरत के लिए फूल नहीं मिल पा रहे हैं और यदि मिल भी रहे हैं तो बढ़ी हुई कीमतों पर मिल रहे हैं।
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