Edited By Vijay, Updated: 07 Oct, 2018 09:52 PM
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने दिल्ली में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में नो डिटेशन पॉलिसी और इक्डोल की मान्यता बहाली का मुद्दा उठाया। इस बैठक में सभी राज्यों के शिक्षा मंत्री ने भाग लिया। इस दौरान नई शिक्षा नीति पर हिमाचल...
शिमला: शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने दिल्ली में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में नो डिटेशन पॉलिसी और इक्डोल की मान्यता बहाली का मुद्दा उठाया। इस बैठक में सभी राज्यों के शिक्षा मंत्री ने भाग लिया। इस दौरान नई शिक्षा नीति पर हिमाचल के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने इस दौरान आठवीं तक छात्रों को फे ल न करने की नीति नो डिटेशन पॉलिसी को समाप्त करने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में आठवीं तक की कक्षाओं में पूर्व की भांति फेल करने वाली पॉलिसी को शामिल किया जाए। ये पॉलिसी छात्रों के लिए फायदेमंद रहेगी। इससे उनमें फेल होने का डर रहेगा अन्यथा स्कूलों में मौजूदा नो डिटेशन पॉलिसी यानी छात्रों को फेल न करने की नीति से छात्रों में फेल होने का डर नहीं है।
10वीं की बोर्ड परीक्षा पर पड़ रहा असर
उन्होंने कहा कि छात्रों को पता है कि वे बिना पढ़े अगली कक्षा में प्रमोट हो जाएंगे और इसका असर 10वीं की बोर्ड परीक्षा पर पड़ रहा है। इन कक्षाओं के परीक्षा परिणाम खराब आ रहे हैं। उन्होंने शिक्षा नीति में पुरानी फेल करने की पॉलिसी शामिल करने की मांग केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री के समक्ष उठाई। इस दौरान उन्होंने प्रदेश में प्री-नर्सरी कक्षाएं शुरू करने के लिए बजट जारी करने की मांग भी की। उन्होंंने केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि हिमाचल के 3991 स्कूलों में अक्तू बर माह से प्री-नर्सरी कक्षाएं शुरू कर दी गई हैं।
शीघ्र बहाल की जाए इक्डोल की मान्यता
शिक्षा मंत्री ने इस मौके पर इक्डोल की मान्यता बहाल करने का मुद्दा भी बैठक में उठाया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि यू.जी.सी. के निर्देशों के तहत तमाम औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं, ऐसे में इक्डोल की मान्यता शीघ्र बहाल की जाए ताकि सत्र 2018-19 के नए बैच के लिए प्रवेश प्रक्रिया आरंभ की जा सके। यहां बता दें कि इक्डोल की मान्यता बहाल करवाने के लिए वि.वि. प्रशासन ने यू.जी.सी. के निर्देशों के तहत एडमिशन पोर्टल पर सभी जरूरी दस्तावेज अपलोड कर दिए हैं और अब यू.जी.सी. की ओर से मान्यता बहाली का इंतजार है।