शिक्षा विभाग ने सार्वजनिक नहीं की निजी स्कूलों की इंस्पैक्शन रिपोर्ट

Edited By Vijay, Updated: 26 May, 2019 09:27 PM

education department has not public inspection report of private schools

निजी स्कूलों की इंस्पैक्शन रिपोर्ट डेढ़ महीना बीतने के बावजूद उच्चतर शिक्षा निदेशक द्वारा अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है, जिसके खिलाफ छात्र अभिभावक मंच तीसरे चरण का आंदोलन शुरू करेगा। मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को...

शिमला: निजी स्कूलों की इंस्पैक्शन रिपोर्ट डेढ़ महीना बीतने के बावजूद उच्चतर शिक्षा निदेशक द्वारा अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है, जिसके खिलाफ छात्र अभिभावक मंच तीसरे चरण का आंदोलन शुरू करेगा। मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को चेताया है कि वे शीघ्र इंस्पैक्शन रिपोर्ट को सार्वजनिक करें अथवा आंदोलन के परिणामों को भुगतने के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा है कि अब लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है इसलिए शिक्षा निदेशक द्वारा इंस्पैक्शन रिपोर्ट को सार्वजनिक न करने के संदर्भ में कोई भी तर्क नहीं सुना जाएगा।

छात्रों व अभिभावकों को गुमराह कर रहे अधिकारी

उन्होंने अधिकारियों पर छात्रों व अभिभावकों को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने उच्चतर शिक्षा निदेशक से मांग की है कि निजी स्कूलों की इंस्पैक्शन रिपोर्ट को तुरंत सार्वजनिक किया जाए। उन्होंने चेताया है कि अगर इंस्पैक्शन रिपोर्ट तुरंत सार्वजनिक नहीं की तो मंच ने तीसरे चरण के आंदोलन की रूपरेखा लगभग तैयार कर ली है, जिसे आगामी 3 दिनों में मंच की बैठक करके लागू कर दिया जाएगा।

अपनी ही अधिसूचना व निर्णय का मखौल क्यों बना रहे शिक्षा निदेशक

उन्होंने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि 8 अप्रैल को शिक्षा निदेशालय पर हुए महाधरने के बाद उच्चतर शिक्षा निदेशक ने कई टीमें बनाकर प्रदेश में निजी स्कूलों की इंस्पैक्शन का कार्य शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सौंपा था। प्रदेशभर के निजी स्कूलों की इंस्पैक्शन की कार्य अवधि को डेढ़ महीना बीत चुका है। अधिसूचना के हिसाब से 22 अप्रैल तक सभी निजी स्कूलों की इंस्पैक्शन रिपोर्ट उच्चतर शिक्षा निदेशक के टेबल पर होनी चाहिए थी। उन्होंने शिक्षा निदेशक से पूछा है कि वह अपनी ही अधिसूचना व निर्णय का मखौल क्यों बना रहे हैं। वह इन स्कूलों की रिपोर्ट क्यों सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं। रिपोर्ट को सार्वजनिक न करने के पीछे उन पर आखिर किसका दबाव है।

22 अप्रैल को खत्म हो चुकी इंस्पैक्शन की टाइम लिमिट

निजी स्कूलों की इंस्पैक्शन की टाइम लिमिट 22 अप्रैल को खत्म हो चुकी है। इसके बावजूद शिक्षा अधिकारी निजी स्कूल प्रबंधनों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। शिक्षा अधिकारी जनता व अभिभावकों को स्पष्ट करें कि इंस्पैक्शन रिपोर्ट में निजी स्कूलों के संदर्भ में क्या आंकड़े व तथ्य सामने आए हैं। अभिभावक मंच ने उच्चतर शिक्षा निदेशक से मांग की है कि वह पूरे प्रदेश के निजी स्कूलों की रिपोर्ट तुरंत सार्वजनिक करें, अन्यथा अभिभावकों का रोष उनको झेलना पड़ेगा।

अभिभावक कागजी कार्रवाई व लीपापोती से संतुष्ट नहीं

छात्र अभिभावक मंच केवल कागजी कार्रवाई व लीपापोती से संतुष्ट होने वाला नहीं है। अभिभावकों को जमीनी स्तर पर निजी स्कूलों की लूट व मनमानी के खिलाफ  ठोस कार्रवाई चाहिए। अगर शिक्षा विभाग ने इस पूरे मसले पर संतोषजनक कार्रवाई नहीं की तो निश्चित तौर पर शिक्षा विभाग के खिलाफ  अभिभावक दोबारा से सड़कों पर उतर आएंगे। विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि शिक्षा अधिकारियों को तब तक चैन से नहीं सोने दिया जाएगा, जब तक कि निजी स्कूलों की मनमानी, लूट व भारी फ ीसों के खिलाफ  कोई ठोस कार्रवाई अमल में नहीं लाई जाती है।

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