Edited By kirti, Updated: 14 Apr, 2019 01:42 PM
धार्मिक स्थल चिंतपूर्णी में चैत्र नवरात्रे अष्टमी धूमधाम से मनाई गई। आम तौर पर पावन पिंडी के स्नान, भोग सुबह और शाम को किया जाता है लेकिन चैत्र नवरात्रों में दोपहर को भी पावन पिंडी के स्नान के बाद माता को 56 भोग लगाया जाता है। दुर्गा अष्टमी के दिन...
चिंतपूर्णी: धार्मिक स्थल चिंतपूर्णी में चैत्र नवरात्रे अष्टमी धूमधाम से मनाई गई। आम तौर पर पावन पिंडी के स्नान, भोग सुबह और शाम को किया जाता है लेकिन चैत्र नवरात्रों में दोपहर को भी पावन पिंडी के स्नान के बाद माता को 56 भोग लगाया जाता है। दुर्गा अष्टमी के दिन पुजारियों द्वारा विधिवत पूजा के बाद कंजक पूजन का आयोजन किया गया। इससे पहले नारियल की बलि दी गई जिसका प्रसाद श्रद्धालुओं को दिया जाता है। दुर्गा अष्टमी के दिन प्रत्येक घरों में भी कंजक पूजन किया जाता है।
शनिवार को एक बार फिर श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ौतरी दर्ज की गई है। सुबह से ही श्रद्धालु लाइनों में दर्शनों के लिए जा रहे हैं। दिन भर दुर्गा अष्टमी के दिन जयकारों की गंूज रही। कई स्थानों पर दुर्गा अष्टमी के दिन श्रद्धालुओं द्वारा जगरातों का भी आयोजन किया जा रहा है, वहीं जगह-जगह लंगर की व्यवस्था श्रद्धालुओं द्वारा की गई है। रविवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमडऩे का अनुमान है, ऐसे में पुराना बस अड्डा में मंदिर न्यास द्वारा धूप से बचने के लिए टैंट की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं को जगह-जगह पानी पिलाने की व्यवस्था की गई है। रविवार को संक्रांति व बैसाखी त्यौहार है जिस कारण 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने की उम्मीद है।