चलता है, होता है, क्या फर्क पड़ता है, ऐसी प्रवृत्ति छोड़ें शिक्षक : मुख्यमंत्री

Edited By Vijay, Updated: 05 Sep, 2018 11:01 PM

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बुधवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिक्षक सम्मान समारोह में शिक्षकों से आह्वान किया कि वह चलता है, होता है, क्या फर्क पड़ता है, ऐसी प्रवृत्ति को छोड़ दें। शिक्षक की ऐसी प्रवृत्ति छात्रों के भविष्य को प्रभावित कर सकती है बल्कि शिक्षकों को अपने...

शिमला: बुधवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिक्षक सम्मान समारोह में शिक्षकों से आह्वान किया कि वह चलता है, होता है, क्या फर्क पड़ता है, ऐसी प्रवृत्ति को छोड़ दें।  शिक्षक की ऐसी प्रवृत्ति छात्रों के भविष्य को प्रभावित कर सकती है बल्कि शिक्षकों को अपने विषयों से हटकर भी छात्रों को नैतिकता का पाठ पढ़ाना चाहिए। मुख्यमंत्री शिक्षक दिवस के मौके पर सैंटर ऑफ एक्सीलैंस राजकीय महाविद्यालय संजौली में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक दिवस समारोह के अवसर पर राज्य के 19 अध्यापकों को राष्ट्रीय तथा राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर अध्यापकों, विशेषकर पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अध्यापक सही मायने में राष्ट्र के निर्माता हैं।  उन्होंने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते हैं क्योंकि वे विद्यार्थियों में उच्च नैतिक मूल्यों का प्रवाह कर उनके जीवन की एक मजबूत नींव रखते हैं।
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स्मारिका व पुस्तिका का किया विमोचन
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एक स्मारिका का विमोचन किया। उन्होंने ‘नई तालिम’ पुस्तिका का भी विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने संजौली कालेज के भवन की छत की मुरम्मत व जीर्णोद्धार के लिए 15 लाख रुपए की घोषणा की। उन्होंने घोषणा की कि महाविद्यालय में शीघ्र ही छात्राओं के लिए छात्रावास का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले विद्यार्थियों को अपनी ऐच्छिक निधि से 31 हजार रुपए की भी घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने अपने स्कूल के दिनों को किया याद
अपने स्कूली दिनों का स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी जिला के उच्च पाठशाला बगश्याड़ के मुख्याध्यापक बिहारी लाल शर्मा ने उन्हें अनुशासन, कठिन परिश्रम तथा ईमानदारी की महान शिक्षा दी। उन्होंने कहा कि अध्यापकों का आचार व व्यवहार विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायी व प्रोत्साहित करने वाला होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है और इसका श्रेय राज्य के अध्यापकों को जाता है।

नशे के खिलाफ स्कूलों-कालेजों में चलाया जाए अभियान
उन्होंने युवाओं में नशाखोरी तथा नशीले पदार्थों के प्रति बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि युवाओं को इन बुरी आदतों से बचाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ स्कूलों-कालेजों में अभियान चलाया जाना चाहिए। इसमें शिक्षक-छात्र एक साथ भाग लें और जो नशे के इस दलदल में फंसे हैं, उन्हें संयुक्त प्रयास कर यहां से निकालें।

भविष्य में शिक्षण संस्थानों में होंगे शिक्षक सम्मान समारोह
इस मौके पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि भविष्य में ऐसे शिक्षक सम्मान समारोह शिक्षण संस्थानों में ही होंगे। अब राजभवन में यह कार्यक्रम नहीं होंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गुणात्मक शिक्षा पर विशेष बल दे रही है, इसमें अध्यापकों को एक बड़ी भूमिका का निवर्हन करना है। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस दौर में विद्यार्थियों को अपने जीवन में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार करने की आवश्यकता है। इस दौरान शिक्षा सचिव डा. अरुण शर्मा ने हिमाचल प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में देश का ‘शिक्षा हब’ बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा की जा रही पहल पर चर्चा की।

इन शिक्षकों को किया गया सम्मानित
मुख्यमंत्री  ने शिमला जिला के राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नेरवा के प्रधानाचार्य केवल राम चौहान, सिरमौर जिला के वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला अम्बोया के प्रवक्ता नरेन्द्र सिंह नेगी, हमीरपुर जिला के वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बयाड़ के प्रवक्ता नरदेव सिंह, मंडी जिला के वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छात्रा सुन्दरनगर के डी.पी.ई. रमेश चन्द, किन्नौर जिला के वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला शौंग के डी.पी.ई. कर्म चन्द, हमीरपुर जिला के वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मटाहणी के कला अध्यापक पवन, शिमला जिला के वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला शामठा के कला अध्यापक केवल राम कांटा, कांगड़ा जिला के वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मुल्थान के शास्त्री लाल चंद, हमीरपुर जिला के राजकीय उच्च पाठशाला डुघा के पी.ई.टी. जोगिन्द्र सिंह शांडिल, सिरमौर जिला के राजकीय प्राथमिक पाठशाला सन्धराह के जे.बी.टी. अध्यापक जय प्रकाश, हमीरपुर जिला के केंद्र प्राथमिक पाठशाला हमीरपुर की केंद्रीय मुख्य शिक्षक कुशमा कुमारी, हमीरपुर जिला के केंद्र प्राथमिक पाठशाला भोटा के केंद्रीय मुख्य शिक्षक संदीप कुमार, शिमला जिला के राजकीय प्राथमिक पाठशाला बधार की जे.बी.टी. अध्यापिका निशा कुमारी, कांगड़ा जिला के केंद्र प्राथमिक पाठशाला कोठी की केंद्रीय मुख्य शिक्षक आशा रानी, राजकीय प्राथमिक पाठशाला कुफरी जिला शिमला की जे.बी.टी. अध्यापिका अंकिता वालिया तथा शिमला के केंद्रीय मुख्य शिक्षक संजीव जिस्टु को राज्य पुरस्कार प्रदान किए गए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने शिमला जिला के वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लालपानी के प्रवक्ता संजय देष्टा, कांगड़ा जिला के खनियारा खास के जनमच्य सिंह गुलेरिया तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मंडी की टी.जी.टी. मीना कुमारी को राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों से सम्मानित किया।

 

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