Edited By kirti, Updated: 12 Jul, 2018 01:18 PM
बरसात का मौसम जल-जनित बीमारियों को लेकर आता है। इनमें से एक रोग है पीलिया। इस मौसम में दूषित पानी पीने से पीलिया हो सकता है। यदि समय रहते पीलिया का इलाज न किया जाए तो यह घातक हो सकता है। चिकित्सकों का कहना है कि पीलिया होने की संभावना बरसात में अधिक...
शिमला : बरसात का मौसम जल-जनित बीमारियों को लेकर आता है। इनमें से एक रोग है पीलिया। इस मौसम में दूषित पानी पीने से पीलिया हो सकता है। यदि समय रहते पीलिया का इलाज न किया जाए तो यह घातक हो सकता है। चिकित्सकों का कहना है कि पीलिया होने की संभावना बरसात में अधिक रहती है, क्योंकि इस मौसम में प्राकृतिक जल स्रोतों के पानी के सेवन करने से पीलिया हो सकता है। बरसात के दिनों में चिकित्सकों ने शहर के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
डाक्टरों की सलाह है कि कुएं, चश्मों व बावड़ियों का पानी इन दिनों नहीं पीना चाहिए। यदि जल स्रोतों का पानी पीना ही है तो उबाल कर पीएं। बरसात के दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में पीलिया फैलने की संभावना अधिक रहती है। यदि लोगों को पीलिया के लक्षण दिखाई दें तो इसकी जांच स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में करवाएं। हालांकि अभी तक जिला अस्पताल में पीलिया का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। बरसात शुरू हो चुकी है तथा लोग बीमारी की चपेट में न आएं, ऐसे में स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क हो गया है और लोगों को गंदा पानी न पीने की हिदायत दी है।
पीलिया के लक्षण
भूख न लगना, उल्टी-दस्त लगना, चमड़ी व नाखूनों में पीलापन और बुखार आना। ऐसे करें बचाव : पानी का सेवन उबाल कर करें, बावड़ी व चश्मों का पानी न पीएं, प्राकृतिक जल स्रोतो में दवाई डालें और समय पर डाक्टर से जांच करवाएं।