Edited By kirti, Updated: 02 May, 2019 09:24 AM
डा. राजेंद्र प्रसाद मैडीकल कालेज एवं अस्पताल टांडा प्रदेश का सबसे बड़ा दूसरा अस्पताल है जिसमें लगभग आसपास के 6 जिलों से रोगी अपने इलाज के लिए आते हैं किन्तु डाक्टरों की कमी के चलते मरीजों का इलाज न होने के कारण परेशान होना पड़ता है। यहां रोगियों को...
कांगड़ा: डा. राजेंद्र प्रसाद मैडीकल कालेज एवं अस्पताल टांडा प्रदेश का सबसे बड़ा दूसरा अस्पताल है जिसमें लगभग आसपास के 6 जिलों से रोगी अपने इलाज के लिए आते हैं किन्तु डाक्टरों की कमी के चलते मरीजों का इलाज न होने के कारण परेशान होना पड़ता है। यहां रोगियों को अपने इलाज के लिए कई दिन चक्कर काटने पड़ते हैं। एम.सी.आई. टीम के निरीक्षण के दौरान डॉक्टरों की कमी के कारण उन्हें एक मैडीकल कालेज से दूसरे मैडीकल कालेज में अस्थाई तौर पर स्थानांतरित तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाता था, लेकिन अब तो यहां से अन्य राज्यों के निजी अस्पतालों एवं क्लीनिकों को लाभ पहुंचाने के लिए डॉक्टरों को निरीक्षण के लिए भेजा जा रहा है
अभी हाल ही में डा. राजेंद्र प्रसाद मैडीकल कॉलेज टांडा से 23 फरवरी, 2019 को 11 डॉक्टरों को 25 से 27 फरवरी तक भेजा गया था, जिसके पश्चात अब 26 अप्रैल 2019 को टांडा प्रशासन द्वारा 29, 30 अप्रैल व 1 मई तक होशियार, जालंधर, अमृतसर के निजी अस्पतालों के निरीक्षण करने के लिए फरमान जारी कर दिया है। यह डाक्टर जोकि विभिन्न विभागों से संबंध रखते हैं आर्थोपेडिक्स, ई.एन.टी., सर्जरी, ओ.बी.जी., मैडीसन, न्यूरो सर्जरी, न्यूरोलॉजी, गैस्ट्रोलॉजी, काॢडयोलॉजी, डैंटिस्टरी तथा अस्पताल प्रशासनिक अधिकारी को भी भेज दिया है। इन सभी विभागों के रोगी अपने इलाज के बिना वापस जा रहे हैं तथा परेशान हो रहे हैं।
हमीरपुर से प्रकाश चंद शर्मा, चम्बा से हजरुदीन का कहना है कि वह अपने बेटे व पत्नी को दिखाने यहां आए थे किंतु डॉक्टरों के पास अधिक भीड़ होने के कारण उनका इलाज आज संभव नहीं हो आया है, उन्हें अगली बार जब डाक्टर की ओ.पी.डी. होगी तो अपने इलाज के लिए आना पड़ेगा। इन डॉक्टरों की टीमों को अन्य राज्यों में भेजने से टांडा मैडीकल कालेज एवं अस्पताल में व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं तथा रोगियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।