Edited By Vijay, Updated: 20 Feb, 2019 08:28 PM
आम जनता साइबर क्राइम से जुड़े शातिरों के जाल में न फंसे, उसको लेकर साइबर क्राइम थाना द्वारा व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत साइबर अपराध थाना ने मोबाइल फोन धारकों को अपने फोन में एनीडैस्क एप भूल कर भी डाऊनलोड न करने के निर्देश दिए हैं।...
शिमला: आम जनता साइबर क्राइम से जुड़े शातिरों के जाल में न फंसे, उसको लेकर साइबर क्राइम थाना द्वारा व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत साइबर अपराध थाना ने मोबाइल फोन धारकों को अपने फोन में एनीडैस्क एप भूल कर भी डाऊनलोड न करने के निर्देश दिए हैं। उप पुलिस अधीक्षक राज्य साइबर अपराध नरवीर सिंह राठौर ने कहा है कि एनीडैस्क एप द्वारा फोन के माध्यम से डाटा चुराकर अवैध रूप से ट्रांजैक्शन होने की संभावना रहती है, ऐसे में आम आदमी को इस बारे सजग रहने की जरूरत है।
शातिर कैसे लगाते हैं चूना
साइबर क्राइम से जुड़े शातिर हर रोज नई तकनीक का उपयोग करके आम जनमानस को ठगने में सक्रिय रहते हैं। सामने आया है कि उक्त शातिर अपने टारगेट (व्यक्ति) को विश्वास में लेकर अपने फोन में गूगल प्लेस्टोर से एनीडैस्क एप या व्यूअर एप डाऊनलोड व अन्य एप्लीकेशन को डाऊनलोड करने का निर्देश (आग्रह) देता है। जब यह संबंधित एप डाऊनलोड हो जाती है तो कुछ अंकों का एक कोड जैनरेट होता है। उसे शातिर शेयर करने को कहता है, ऐसे में जब यह कोड शातिर अपने मोबाइल में फीड करता है तो उससे धारक (पीड़ित) व्यक्ति के मोबाइल फोन या कम्प्यूटर का रिमोट कंट्रोल शातिर के पास चला जाता है तथा उसको एक्सैस की अनुमति धारक से ले लेता है, ऐसे में अनुमति मिलने के पश्चात शातिर धारक के फोन या कम्प्यूटर का सारा डाटा चुरा लेता है और इसके माध्यम से यू.पी.आई. द्वारा ट्रांजैक्शन करने में सफल हो जाता है। इसके द्वारा शातिर फोन में इंस्टाल अन्य पेमैंट एप या पे.टी.एम. द्वारा भी फ्रॉड ट्रांजैक्शन करने में सफल हो जाता है।
देशभर से आ रहीं शिकायतें
उप पुलिस अधीक्षक राज्य साइबर अपराध नरवीर सिंह राठौर के अनुसार देश के कई भागों में एनीडैस्क एप द्वारा भारी ट्रांजैक्शन की शिकायतें आ रही हैं। इस संदर्भ में राज्य साइबर अपराध थाना शिमला द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से भी आम जनता को सचेत रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत स्पष्ट किया गया है कि एनीडैस्क एप को भूल कर भी डाऊनलोड न करें और न ही इसका एक्सैस अन्य अंजान व्यक्ति को दें।
आर.बी.आई. ने भी चेताया
आर.बी.आई. भी पहले ही अलर्ट कर चुका है कि पिछले कुछ समय से यूनिफाइड पेमैंट्स इंटरफेस (यू.पी.आई.) प्लेटफार्म से लेन-देन करने वालों के साथ धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं। हैकर्स मोबाइल फोन को रिमोट एक्सैस पर लेकर बैंक खाते से पैसे उड़ा लेते हैं, ऐसे में आर.बी.आई. ने बैंकों को भी निर्देश जारी किए हैं कि वे एनीडैस्क एप के जरिए होने वाली धोखाधड़ी को लेकर अपने ग्राहकों को जागरूक करें।