दिव्यांग विद्यार्थियों को आरक्षण के तहत दाखिला न देने पर हाईकोर्ट सख्त

Edited By Punjab Kesari, Updated: 28 Aug, 2017 09:26 AM

divyang to reservation according to no admission upon giving highcourt strict

हिमाचल हाइकोर्ट ने दृष्टिबाधित छात्रा इंदु कुमारी द्वारा मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र का कड़ा संज्ञान लेते हुए...

शिमला: हिमाचल हाइकोर्ट ने दृष्टिबाधित छात्रा इंदु कुमारी द्वारा मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र का कड़ा संज्ञान लेते हुए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को आदेश दिया है कि उसे व उसके जैसे 4 अन्य पात्र दिव्यांग छात्रों को 5 प्रतिशत आरक्षण के नए प्रावधान के अंतर्गत दाखिला दे। कोर्ट ने पात्र दिव्यांग विद्यार्थियों को आरक्षण के अंतर्गत होस्टल देने के आदेश भी दिए। कोर्ट ने कहा कि विकलांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के प्रावधानों को सख्ती से लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मुख्यसचिव एवं विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार से 4 दिनों के भीतर जवाब-तलब करते हुए आदेश दिए कि विकलांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के उच्चशिक्षा से संबंधित धारा 32 को लागू करवाने को उन्होंने क्या कदम उठाए। 


5 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान के अंतर्गत प्रवेश देने से इंकार
कोर्ट ने इस पर कड़ा एतराज जताया कि एस.सी., ओ.बी.सी., माइनॉरिटी एवं स्पैशली, एबेल्ड विभाग के निदेशक द्वारा विभिन्न विभागों को नया कानून लागू करने के लिए सिर्फ अनुरोध किया गया है। उल्लेखनीय है कि कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल को 21 जुलाई को चंबा की रहने वाली निर्धन परिवार की इंदू कुमारी ने पत्र लिखा था कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के राजनीति विभाग में एम.ए. में उसे 5 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान के अंतर्गत प्रवेश देने से इंकार कर दिया था। खंडपीठ ने राज्य के मुख्य सचिव से शपथ पत्र पर यह बताने को कहा है कि सरकार ने उच्चशिक्षा से संबंधित धारा 32 को लागू करवाने के लिए अभी तक क्या कदम उठाए हैं। मामले पर सुनवाई 29 अगस्त को होगी।

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