Edited By Vijay, Updated: 30 Nov, 2019 04:44 PM
जिला कांगड़ा मुख्यालय धर्मशाला में शनिवार को दिव्यांगजनों ने प्रदेश स्तरीय धरना-प्रदर्शन कर अपने हकों के लिए सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदेश सरकार द्वारा मांगें न मानने से नाराज दिव्यांग कल्याण संघ ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है।
धर्मशाला (नृपजीत निप्पी): जिला कांगड़ा मुख्यालय धर्मशाला में शनिवार को दिव्यांगजनों ने प्रदेश स्तरीय धरना-प्रदर्शन कर अपने हकों के लिए सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदेश सरकार द्वारा मांगें न मानने से नाराज दिव्यांग कल्याण संघ ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। संघ का कहना है कि जब तक सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती तब तक आमरण अनशन जारी रहेगा। इससे पहले विकलांग संघ के पदाधिकारियों व सदस्यों ने शहीद स्मारक से डीसी कार्यालय धर्मशाला तक रैली निकाली।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष तकदीर सिंह ने कहा कि हमारी मांग है कि दिव्यांगों को जो 4 फीसदी कोटा है, वो दिया जाए। उन्होंने कहा कि हमारे ऊपर एमएलए, एमपी, पंचायत प्रतिनिधि नहीं होंगे तो हमारी बात रखेगा कौन। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमें भीख मांगने पर मजबूर कर दिया है। मंत्री व विधायक अपनी पैंशन 2-2 लाख बढ़ा रहे हैं जबकि दिव्यांगों को 850 रुपए पैंशन दी जाती है, वो भी समय पर नहीं दी जाती। वहीं हमारे लिए दिव्यांग भवन की भी व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के माता-पिता यदि सरकारी नौकरी में हों तो उन्हें पैंशन नहीं मिलती। हमारी मांग है कि दिव्यांगों की आय को माता-पिता के साथ न जोड़ा जाए।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा वर्ष 2016 में बनाया स्टेट पॉलिसी एक्ट भी अभी तक उनके पास नहीं पहुंचा है। उन्होंने मांग कि है कि दिव्यांग कल्याण बोर्ड में अलग से स्वतंत्र कमिश्नर होना चाहिए जोकि दिव्यांग हो। वहीं जैसे एससी, एसटी, ओबीसी का कार्यालय होता है, उसी तरह दिव्यांगों का भी एक कार्यालय होना चाहिए, जहां दिव्यांग अपनी बात रख सकें। पहले दिन आमरण अनशन पर प्रदेशाध्यक्ष तकदीर सिंह और रैत ब्लॉक के उपाध्यक्ष सुरिंद्र बैठे।
प्रदेशाध्यक्ष ने बताया कि हमें आमरण अनशन पर बैठने के लिए खुद सरकारों ने मजबूर किया है। प्रदेश सरकार की हमारे प्रति इतनी सहानुभूति है कि सरकार ने हमें कीड़े-मकौड़ों की तरह सड़क पर मरने को खड़ा कर दिया है। दिव्यांगों के लिए जो आरक्षण दिया गया है, उसमें कितना भरा गया है, सरकार उसका हिसाब दे।