Edited By Ekta, Updated: 16 May, 2018 10:50 AM
हिमाचल आवास एवं शहरी विकास प्राधिकरण (हिमुडा) को मुख्यमंत्री के निर्देशों की बिल्कुल भी परवाह नहीं है। मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान सभी विभागों को 5 लाख या इससे ज्यादा के सभी टैंडर ऑनलाइन करने के निर्देश दिए थे ताकि टैंडर आबंटन की प्रक्रिया...
शिमला: हिमाचल आवास एवं शहरी विकास प्राधिकरण (हिमुडा) को मुख्यमंत्री के निर्देशों की बिल्कुल भी परवाह नहीं है। मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान सभी विभागों को 5 लाख या इससे ज्यादा के सभी टैंडर ऑनलाइन करने के निर्देश दिए थे ताकि टैंडर आबंटन की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जा सके। हैरानी इस बात की है कि इस दिशा में हिमुडा डेढ़ माह बाद भी एक कदम आगे नहीं बढ़ पाया है। वर्तमान में हिमुडा 40 लाख या इससे अधिक के टैंडर ही ऑनलाइन करवाता है जबकि सी.एम. के आदेशानुसार 5 लाख रुपए से ज्यादा के सभी टैंडर ऑनलाइन करने अनिवार्य हैं। मुख्यमंत्री ने टैंडर आबंटन में पारदर्शिता लाने के मकसद से ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाने को कहा था।
अमूमन हिमुडा, लोक निर्माण विभाग व सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग समेत कई अन्य सरकारी महकमों पर टैंडर आबंटन में गड़बड़ियों के आरोप लगते रहे हैं। खासकर छोटे काम के टैंडर को अधिकारी कई बार अंडर टेबल अपने चहेते ठेकेदार को देते हैं। टैंडर ऑनलाइन होने के बाद अधिकारी मनमाफिक ठेकेदार को टैंडर नहीं दे पाएंगे। थ्रू प्रोपर चैनल के टैंडर होने से सरकार को लगने वाली चपत भी कम होगी और काम भी अच्छे ठेकेदार को मिलेगा। मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद लोक निर्माण विभाग ने बीते सप्ताह ही 5 लाख या इससे अधिक के सभी टैंडर ऑनलाइन करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिए हैं। इसके बाद टैंडर की निगरानी पी.डब्ल्यू.डी. मुख्यालय में बैठे अधिकारी भी कर पाएंगे। वहीं आई.पी.एच. महकमा भी सप्ताह भर में ई-टैंडरिंग शुरूकरने के दावे कर रहा है लेकिन हिमुडा की ओर से इस दिशा में अभी पहल करनी बाकी है।