RTI से खुलासा, निजी विश्वविद्यालय में सीनियर ने पढ़ा दिए जूनियर विद्यार्थी

Edited By Vijay, Updated: 16 Oct, 2018 10:59 PM

disclosed by rti senior taught the junior students in private university

हिमाचल प्रदेश में स्थित एक निजी विश्वविद्यालय में एम.टैक. के विद्याॢथयों द्वारा बी.टैक. के विद्यार्थियों को पढ़ाने के मामले का खुलासा हुआ है। नियमों को ताक पर रखते हुए निजी विश्वविद्यालय में वर्ष 2014-16 तक सीनियर विद्यार्थियों को जूनियर को पढ़ाने...

शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्थित एक निजी विश्वविद्यालय में एम.टैक. के विद्याॢथयों द्वारा बी.टैक. के विद्यार्थियों को पढ़ाने के मामले का खुलासा हुआ है। नियमों को ताक पर रखते हुए निजी विश्वविद्यालय में वर्ष 2014-16 तक सीनियर विद्यार्थियों को जूनियर को पढ़ाने का जिम्मा सौंपा गया। इसका खुलासा आर.टी.आई. के तहत मांगी गई जानकारी में हुआ है। एक आर.टी.आई. कार्यकर्ता ने आर.टी.आई. के तहत संबंधित जानकारी मांगी थी और आर.टी.आई. के तहत निजी विश्वविद्यालय की ओर से आए जवाब में इसका खुलासा हुआ है। खुलासा हुआ है कि 2 विद्यार्थियों जोकि निजी विश्वविद्यालय में एम.टैक. की शिक्षा ग्रहण कर रहे थे, उनको नियमों को ताक पर रखते हुए बी.टैक. के विद्यार्थियों को पढ़ाने का जिम्मा सौंप दिया गया था।

निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने जारी किया नोटिस
इस खुलासे के बाद हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने उक्त निजी विश्वविद्यालय के प्रबंधन को नोटिस जारी किया है। नोटिस जारी करने के साथ ही उक्त निजी विश्वविद्यालय से मामले को लेकर जवाब तलब किया है। इस मामले से जुड़ी आर.टी.आई. फाइल करने वाले आर.टी.आई. कार्यकर्ता ने बताया कि पूर्व में जब उन्होंने एम.टैक. (सिविल एंड मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स) के 2014-16 और 2015-17 के बैच के विद्यार्थियों की सूची और फैकल्टी की सूची मांगी थी तो उस समय निजी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने आर.टी.आई. के तहत सूचना देने से इंकार कर दिया था। अब दोनों एम.टैक. के विद्यार्थी निजी विश्वविद्यालय से पासआऊट हो चुके हैं।

ए.आई.सी.टी.ई. की गाइडलाइंस के खिलाफ
बता दें कि एम.टैक. के विद्यार्थियों को बी.टैक. के विद्यार्थियों को पढ़ाने का जिम्मा सौंपना अखिल भारतीय काऊंसिल ऑफ टैक्रीकल एजुकेशन (ए.आई.सी.टी.ई.) की गाइडलाइंस के खिलाफ है। आर.टी.आई. में यह खुलासा हुआ है कि एक विद्यार्थी जोकि निजी विश्वविद्यालय में एम.टैक. की शिक्षा ग्रहण कर रहा था, उसी विश्वविद्यालय में बी.टैक. के विद्यार्थियों को सिविल इंजीनियरिंग पढ़ा रहा था और दूसरा विद्यार्थी भी सिविल इंजीनियरिंग पढ़ा रहा था।

पहले निजी विश्वविद्यालय ने नहीं दी थी जानकारी
हालांकि पूर्व में जब आर.टी.आई. कार्यकर्ता द्वारा इससे संबंधित जानकारी मांगी गई थी तब संबंधित निजी विश्वविद्यालय ने जानकारी यह बोलकर देने से इंकार किया था कि निजी विश्वविद्यालय आर.टी.आई. के दायरे में नहीं आते हैं। आर.टी.आई. एक्ट को लेकर स्थिति स्पष्ट होने के बाद निजी विश्वविद्यालय ने आर.टी.आई. के तहत जानकारी प्रदान कर दी लेकिन आर.टी.आई. कार्यकर्ता का कहना है कि अभी उनके द्वारा मांगी गई पूरी जानकारी उन्हें नहीं दी गई है।

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