धवाला ने फिर खोला मोर्चा, कहा-14वें वित्तायोग से पंचायतों को मिली राशि नहीं हो पा रही खर्च

Edited By Simpy Khanna, Updated: 03 Dec, 2019 11:03 AM

dhawala again opened the front

हिमाचल प्रदेश राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला एक बार फिर अपनी ही सरकार से नाराज हैं। उनका कहना है कि 14वें वित्तायोग से प्रदेश की पंचायतों को मिली करोड़ों रुपए की राशि खर्च नहीं हो पा रही है। उनका कहना है कि इस राशि को खर्च करने के लिए...

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला एक बार फिर अपनी ही सरकार से नाराज हैं। उनका कहना है कि 14वें वित्तायोग से प्रदेश की पंचायतों को मिली करोड़ों रुपए की राशि खर्च नहीं हो पा रही है। उनका कहना है कि इस राशि को खर्च करने के लिए पंचायती राज विभाग को तकनीकी विंग का गठन करना चाहिए ताकि ग्रामीण क्षेत्र में विकास की गति तेज हो सके। रमेश धवाला ने यह बात पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कही। 

उन्होंने कहा कि उनके अपने ज्वालामुखी ब्लॉक की पंचायतों में ही 16 करोड़ रुपए खर्च नहीं हो पाए हैं जो ङ्क्षचता की बात है। उन्होंने कहा कि पंचायतों को करोड़ों रुपए मिल रहे हैं, लेकिन यह खर्च नहीं हो पा रहे हैं। वित्तायोग के अलावा सांसद व विधायक निधि, मनरेगा, प्लानिंग व उपायुक्त स्तर से मिलने वाला फंड भी सीधा पंचायतों को मिलता है, लेकिन इसके बावजूद विकास की गति धीमी है। उन्होंने कहा कि डेढ़ लाख रुपए तक के कार्य पंचायतें स्वयं करवाएं तथा इससे अधिक के कार्य तकनीकी विंग को टैंडर प्रक्रिया के माध्यम से ठेकेदारों से करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा की प्राकलन समिति ने भी उपायुक्तों को पंचायतों में पड़े धन को खर्च करने के लिए उचित कदम उठाने को कहा है। 

उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि मंत्री बनने में उनकी कोई उत्सुकता नहीं है, फिर भी यदि उन्हें मंत्री बनाया जाता है तो पूरी ईमानदारी और निष्ठा से कार्य करेंगे। वह सच्चाई और ईमानदारी से समाज सेवा कर रहे हैं। यदि कोई उनके ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप साबित कर दें तो वह तत्काल राजनीति से संन्यास ले लेंगे। 

संगठनात्मक स्तर पर कई विषयों को लेकर हैं नाराज

उल्लेखनीय है कि रमेश धवाला संगठनात्मक स्तर पर कई विषयों को लेकर सरकार से नाराज हैं। अपनी नाराजगी को वह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष भी प्रस्तुत कर चुके हैं। मुख्यमंत्री से मिलने के बाद काफी हद तक उनकी नाराजगी दूर भी हुई है, लेकिन अब पंचायतों में राशि के खर्च न होने पर वह नाराज हैं। प्रदेश की सभी 3,226 पंचायतों को इस वित्तीय वर्ष की दूसरी और अंतिम किस्त के रूप में 490 करोड़ रुपए जारी हो चुके हैं। 

इस किस्त के जारी होने से पहले करीब 800 करोड़ रुपए कुछ माह पहले तक खर्च नहीं हो पाए थे। यदि यह राशि 31 मार्च, 2020 तक खर्च नहीं हो पाई तो यह लैप्स हो जाएगी। यानी बची धनराशि केंद्र सरकार को लौटानी होगी। इसे देखते हुए पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने स्वयं पंचायत पदाधिकारियों को राशि निश्चित समय सीमा के भीतर व्यय करने के निर्देश दिए हैं। ऐसा न करने की स्थिति में नियमानुसार कार्रवाई करने की बात कही गई है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!