धर्मशाला में हुए लाठीचार्ज मामले में मुख्य सचिव, DGP सहित आला अधिकारी दिल्ली तलब

Edited By Ekta, Updated: 07 Aug, 2018 09:38 AM

dharamshala happened in chief secretary in case of lathi charge

राष्ट्रीय अनूसूचित जनजाति आयोग ने गद्दी समुदाय के लोगों पर बीते वर्ष 9 अगस्त को नड्डी धर्मशाला में हुए लाठीचार्ज से जुड़े मामले में मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक और पुलिस अधीक्षक कांगड़ा को दिल्ली तलब किया है। मंगलवार को इस मामले में...

शिमला (राक्टा): राष्ट्रीय अनूसूचित जनजाति आयोग ने गद्दी समुदाय के लोगों पर बीते वर्ष 9 अगस्त को नड्डी धर्मशाला में हुए लाठीचार्ज से जुड़े मामले में मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक और पुलिस अधीक्षक कांगड़ा को दिल्ली तलब किया है। मंगलवार को इस मामले में राष्ट्रीय अनूसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष के समक्ष सुनवाई होगी। ऐसे में उक्त  सभी को इस मौके पर उपस्थित रहने को कहा गया है। यह सुनवाई दोपहर बाद 3 बजे होगी। सूचना के अनुसार इस मामले के आदेशों के उपरांत भी कोई कार्रवाई न किए जाने पर आयोग से उक्त सभी अधिकारियों को दिल्ली तलब किया है। अनुसूचित जनजाति मोर्चों के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष त्रिलोक कपूर की शिकायत पर आयोग ने कंडा संज्ञान लेते हुए सभी अधिकारियों को दिल्ली तलब किया है।  

उल्लेखनीय है कि अनुसूचित जनजाति मोर्चों के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष त्रिलोक कपूर ने बीते वर्ष राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को पत्र लिख शिकायत की थी कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा 7 अगस्त, 2017 को ऊना जिला के प्रवास के दौरान गद्दी समुदाय के खिलाफ टिप्पणी की थी। ऐसे में पूर्व सी.एम. की टिप्पणी के विरोध में गद्दी समुदाय के लोगों ने बीते वर्ष 9 अगस्त को धर्मशाला के नड्डी में मुख्यमंत्री के काफिले के दौरान शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन इस बीच जब प्रदर्शन कर सभी वापस लौट रहे थे, तो पुलिस ने समुदाय के लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया। ऐसे में त्रिलोक कपूर ने पूरे मामले की शिकायत आयोग से की। इसके बाद आयोग ने धर्मशाला का दौर कर स्थिति का जायजा भी लिया था।

18 अगस्त, 2017 को किया दौरा
शिकायत के आधार पर आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों ने 18 अगस्त, 2017 को घटना स्थल का दौर किया था। इस दौरान जांच दल ने लाठीचार्ज में घायल हुए लोगों से भी बातचीत कर मामले की जानकारी जुटाई। इसके बाद आयोग इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि पुलिस ने गद्दी समुदाय के जनजातीय लोगों पर बेरहमी से लाठीचार्ज किया, जिससे कई लोगों को चोटें भी आईं तथा उन्हीं के खिलाफ मामले दर्ज किए। आयोग ने लाठीचार्ज से जुड़े सभी पहलुओं को खंगालने के बाद निर्देश दिए थे कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच उच्चाधिकारी समिति से करवाई जाए, दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और पीड़ितों को उचित मुआवजा दिया जाए,। 

सुधीर शर्मा को करना पड़ा था हार का सामना
गद्दी समुदाय के लोगों पर हुए लाठीचार्ज के मामले ने खासा तूल पकड़ा था। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने भी इस मामले को जोर-शोर से उठाया था और इसके चलते तात्कालिक वीरभद्र सरकार में मंत्री सुधीर शर्मा को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। गौर हो कि कांगड़ा जिला में गद्दी समुदाय का एक बड़ा वर्ग है। 

क्या बोले त्रिलोक कपूर 
अनुसूचित जनजाति मोर्चों के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष त्रिलोक कपूर ने संपर्क करने पर बताया कि उन्हें भी आयोग ने सम्मन किया है। उन्होंने कहा कि कानून की नजर में सब बराबर हैं और दोषी अधिकारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे आयोग के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष रखेंगे।

वीरभद्र सिंह की बढ़ सकती हैं दिक्कतें 
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की दिक्क तें भी बढ़ सकती हैं। गौर हो कि अनुसूचित जनजाति मोर्चों के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष त्रिलोक कपूर ने अपनी शिकायत के तहत वीरभद्र सिंह के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई की जाने की मांग की है। ऐसे में मंगलवार को होने वाली सुनवाई पर सभी की नजरें रहेंगी।

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