Edited By Punjab Kesari, Updated: 17 Mar, 2018 05:17 PM
पर्यटक नगरी धर्मशाल में जन्मे18 साल के गबरू गायक कनवर दास की गायकी का पंजाब, हिमाचल के साथ पकिस्तान भी मुरीद हो चूका है। कनवर दास ने सिर्फ 6 साल की उम्र से गाना शुरू किया था और अब तक लगभग एक एक दर्जन से अधिक गाने गा चुके है। जानकारी के मुताबिक उनका...
धर्मशाला(निप्पी) : पर्यटक नगरी धर्मशाल में जन्मे18 साल के गबरू गायक कनवर दास की गायकी का पंजाब, हिमाचल के साथ पकिस्तान भी मुरीद हो चूका है। कनवर दास ने सिर्फ 6 साल की उम्र से गाना शुरू किया था और अब तक लगभग एक एक दर्जन से अधिक गाने गा चुके है। जानकारी के मुताबिक उनका जो गाना पकिस्तान में लोकप्रिय हुआ है वह पंजाबी भाषा में है और गाने के बोल है रेड लिप्स। इसके अलावा रेड लिप्स और प्यार दी फर्स्ट लव गानों को वर्ल्ड वाइड लोग पसंद कर रहे है। इस गायक को लोगों का जबरदस्त प्यार मिल रहा है। इतना ही नहीं उन्होंने पकिस्तान के प्रसिद्ध गायक खालिद गावर के साथ मेरा मुर्शद ऊंचा सूफी ड्यूट गाना भी गया है।जिसे पड़ोसी मुल्क के लोग बेहद पसंद कर रहे है। कनवर दास के गाने रेड लिप्स वीडियो का जादू पकिस्तान के एप्पल टीवी न्यूज चैनल पर भी दिख चूका है। इसके अलावा पकिस्तान की कई अखबारों ने भी कनवर दास की गायकी की खबरें छापी है।
कनवर दास ने 50 से अधिक गाने लिखे
इस गायक का पहला एल्बम 2015 में रिलीज हुआ था। जिसका नाम था प्यार दी फर्स्ट लव और इसके टाइटल सॉन्ग का वीडियो भी रिलीज किया गया था। इस एलबम में पांच गाने थे। इस एलबम को पंजाब के लोकप्रिय चैनल एमएचवन पर रिलीज किया गया था। इस बारे में गायक ने बताया की पकिस्तान के गायक खालिद गावर के साथ जो गाना गाया है उस गाने की विडियो की शूटिंग भारत और पकिस्तान में की गई है। उन्होंने बताया कि अभी तक वह उनके एक गाने रेड लिप्स के वीडियो को एक महीने के भीतर एक लाख से अधिक लोग देख चुके है। कनवर दास ने लगभग 50 से अधिक गाने लिखे है जोकि बहुत जल्द रिलीज होंगे। जिन्हें कनवर दास के अलावा अलग-अलग गायक भी गाएंगे। उनका जल्द ही बाजार में खुद का लिखा गाना जिसे गायक साहिल सिंह गाएंगे। उसके बोल है रेड चिल्ली सौस बर्गी।
वह अपना गुरु गायक नुसरत फ़तेह अली खान को मानते है
कनवर दास की पकड़ सूफी कलाम में भी जबरदस्त है। उन्होंने मात्र 8 साल की उम्र से सूफी गाने गाने शुरू कर दिए थे। कनवर दास अभी तक चंडीगढ़, हरियाणा,अमृतसर, लुधियाना,पठानकोट, हिमाचल सहित कई पडोसी राज्यों में सूफी कलम की कई प्रस्तुतियां दे चुके है। कनवर दास ने अभी तक किसी से गायकी की शिक्षा नहीं ली है। लेकिन वह अपना गुरु सुप्रसिद्ध सूफी गायक नुसरत फ़तेह अली खान को मानते है। उनकी सूफियाना गायकी को सुनकर ही अपनी गायकी शुरू की। ताज्जुब की बात है कि बिना किसी संगीत की शिक्षा के कनवर दास गायकी के नए आयाम स्थापित कर रहे है।