धर्मशाला जेल पहुंचे DGP जेल सोमेश गोयल ने बताया अपना उद्देश, जानने के लिए पढ़ें खबर

Edited By Vijay, Updated: 12 Jan, 2019 10:01 PM

dgp jail somesh goyal told his intention

प्रदेश की जेलों में बढ़ती कैदियों की संख्या चिंता का विषय है। जेलों में बंद ज्यादातर कैदियों को शिक्षा का ज्ञान न होना पाया गया है। जेल में कैदियों को शिक्षा का ज्ञान दिया जाए, इसके लिए ओपन स्कूल को माध्यम बनाया जाएगा। यह बात धर्मशाला जेल पहुंचे...

धर्मशाला: प्रदेश की जेलों में बढ़ती कैदियों की संख्या चिंता का विषय है। जेलों में बंद ज्यादातर कैदियों को शिक्षा का ज्ञान न होना पाया गया है। जेल में कैदियों को शिक्षा का ज्ञान दिया जाए, इसके लिए ओपन स्कूल को माध्यम बनाया जाएगा। यह बात धर्मशाला जेल पहुंचे डी.जी.पी. जेल सोमेश गोयल ने कही। डी.जी.पी. जेल धर्मशाला में बने 3 मंजिला भवन का उद्घाटन करने पहुंचे थे। डी.जी.पी. जेल ने बताया कि जेलों में जो सर्वे किया है, उसके आधार पर प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों में से 6 फीसदी अशिक्षित हैं, जबकि 9 फीसदी कैदी स्नातक या उससे ऊपर पढ़े-लिखे हैं। उन्होंने बताया कि 85 फीसदी कैदी ऐसे हैं जोकि 10वीं व जमा दो पास हैं। उन्होंने बताया कि जो कैदी अशिक्षित हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से पढ़ाने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके लिए ओपन स्कूल को माध्यम बनाया जा सकता है।

कंडा जेल के कैदी सिल रहे होटल यूनिफॉर्म

उन्होंने कहा कि प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को रोजगार मिले, इसके लिए भी प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कंडा जेल में बंद कैदियों से होटल यूनिफॉर्म सिलवाने का काम करवाया जा रहा है, साथ ही प्रदेश जेल प्रशासन रैडीमेड कपड़ों के क्षेत्र में भी उतरने जा रहा है, जिसके माध्यम से लोगों को बाजार से सस्ते कपड़े उपलब्ध करवाए जाएंगे। यही नहीं, महिला कैदियों को भी इसी तरह कार्य उपलब्ध करवाया जा रहा है। हर हाथ को काम प्रोजैक्ट के तहत जिलों में काम करने वाले कैदियों के वेजिस में इजाफा होने के साथ जेलों के उत्पादों की बिक्री में वृद्धि हुई है। पहले कैदियों को वेजिस के रूप में 5 से 6 लाख रुपए दिए जाते थे, वहीं अब यह आंकड़ा 1.05 करोड़ तक पहुंच गया है और जेल उत्पादों का टर्नओवर 23 लाख से बढ़कर 3.28 करोड़ तक पहुंच गया है।

प्रदेश की जेलों में स्थापित होंगे पुस्तकालय

डी.जी.पी. जेल ने कहा कि प्रदेश भर की जेलों में कैदियों के लिए पुस्तकालय स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके लिए नैशनल बुक ट्रस्ट से बात चल रही है। हमारा प्रयास है कि कैदियों को पठन-पाठन के लिए बेहतर सामग्री उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि जो कैदी पढ़े-लिखे हैं, वो भी अशिक्षित कैदियों को पढ़ा सकते हैं, ऐसी व्यवस्थाएं बनाने के निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश की जेलों में स्थापित किए जाने वाले पुस्तकालयों में कैदियों की संख्या के आधार पर पुस्तकें उपलब्ध हो सकें, इसके भी प्रयास किए जाएंगे। यही कारण है कि हमारी ओर से नैशनल बुक ट्रस्ट से इस बारे बातचीत की जा रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एन.बी.टी. के सहयोग से शीघ्र ही प्रदेश की जेलों में पुस्तकालय स्थापना का कार्य पूरा होगा।

जिला कारागार में बने नए भवन का किया उद्घाटन

डी.जी.पी. जेल ने जिला कारागार धर्मशाला में नवनिर्मित ओपन एयर ब्लॉक का उद्घाटन किया और जेल परिसर में चल रहे निर्माण कार्यों का भी जायजा लिया। इसके अतिरिक्त डी.जी.पी. ने धर्मशाला जेल के कारीगरों द्वारा निर्मित चांदी के आभूषणों का भी अनावरण किया। इस अवसर पर जिला कारागार धर्मशाला के डिप्टी सुपरिन्टैंडैंट विनोद चम्बियाल सहित अन्य जेल अधिकारी व स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।

धर्मशाला जेल के लिए गाड़ी खरीदना प्रस्तावित

डी.जी.पी. जेल ने बताया कि जिला चम्बा व ऊना की जेलें शहर से बाहर हैं, ऐसे में इन जेलों के लिए गाडिय़ां खरीदी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि धर्मशाला जेल के लिए भी गाड़ी खरीदना प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि नूरपुर जेल के सुधार पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि नूरपुर जेल के लिए एक अतिरिक्त मंजिल बनाकर काम चल सकता है तो ऐसा भी किया जाएगा, अन्यथा अन्य विकल्प पर विचार किया जाएगा।

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