Edited By Ekta, Updated: 08 Jul, 2019 03:51 PM
आमतौर पर कैलाश मानसरोवर की यात्रा सबसे कठिन व दुर्गम मानी जाती है। हिमाचल के श्रीखंड महादेव की यात्रा अमरनाथ से भी ज्यादा कठिन है। नाहन के नव युवा शिव मंडल रानीताल के 6 श्रद्धालु युवाओं का जत्था श्रीखंड महादेव के दर्शन कर वापस नाहन पहुंचा। जत्थे में...
सिरमौर (सतीश): आमतौर पर कैलाश मानसरोवर की यात्रा सबसे कठिन व दुर्गम मानी जाती है। हिमाचल के श्रीखंड महादेव की यात्रा अमरनाथ से भी ज्यादा कठिन है। नाहन के नव युवा शिव मंडल रानीताल के 6 श्रद्धालु युवाओं का जत्था श्रीखंड महादेव के दर्शन कर वापस नाहन पहुंचा। जत्थे में शामिल कुंवर विक्रांत सिंह ने बताया कि 7 दिन की इस यात्रा का शुभारंभ उन्होंने 27 जून नाहन से किया था और 4 जुलाई को नाहन पहुंच कर ही यात्रा पूरी की।
उन्होंने बताया कि करीब 35 किलोमीटर ग्लेशियरों के बीच ट्रैकिंग करके उन्होंने 3 दिन बाद श्रीखंड महादेव के दर्शन किए जबकि उतरने में उन्हें 2 दिन लगे। बताया जा रहा है कि श्रीखंड महादेव की यात्रा इस बार पहले के मुकाबले काफी मुश्किल है। यात्रा के अंतिम पड़ाव के बाद इससे पूर्व श्रद्धालु नैनसरोवर से पत्थरों पर चढ़कर जाते थे जबकि इस बार बर्फ अधिक होने के कारण करीब 5 किलोमीटर का ग्लेशियर पार करके जाना पड़ रहा है। जिसके कारण इस बार अभी तक 1100 श्रद्धालुओं में से केवल 250 के करीब श्रद्धालु ही श्रीखंड महादेव के दर्शन कर पाए हैं।
श्रद्धालुओं ने माना कि वह लोग सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ नहीं गए थे परंतु उन्होंने दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को आगाह किया है कि जो भी यात्री दर्शन के लिए जाए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ जाएं। समुद्र तल से 18370 फुट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड महादेव के दर्शन कर लौटे एक श्रद्धालु का कहना है कि इस बार का सफर चुनौतियों भरा रहा। उनका कहना है कि नव युवा शिव मंडल रानीताल नाहन का ये जत्था सिरमौर का यह पहला जत्था है जो श्रीखंड यात्रा को पूर्ण कर पाया है। क्योंकि इस बार बर्फ काफी ज्यादा है और यात्रा पहलेे के मुकाबले काफी मुश्किल है।